स्वरमधुरा द्वारा आयोजित ‘एक प्यार का नगमा है’ कार्यक्रम में मनोजकुमार को दी श्रद्धांजलि
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नागपुर। पत्थर के सनम, चांद सी महेबुबा, दिवानो से ये मत पूछो, मै तो एक ख्वाब ऐसे एक से बढ़कर गीत गाकर नागपुर रफ़ी मुकेश तथा महेन्द्रकपूर की यादो को ताजा किया गया। स्वरमधुरा द्वारा आयोजित ‘एक प्यार का नगमा है’ इस कार्यक्रम में मनोज कुमार इनको श्रद्धांजलीस्तोर सुप्रसिद्ध हिंदी गीतों का कार्यक्रम लक्ष्मीनगर, आठ रस्ता चौक, स्थित सायंटिफिक सभागृह आयोजित किया गया था। इसमें मनोज कुमार इनपर आधारित सुमधूर गीत गायक कलाकार प्रस्तुत किये जिसमे श्रोताओने जमकर प्रतिसाद दिया।
कार्यक्रम की सुरवात योगेंद्र रानडे इन्होने 'है प्रीत जहाँ कि रीत सदा' यह गाना गाकर सभागृह का वातावरण संगीतमयकिया। बाद में राजेश दुरुगकर इन्होने 'तौबा ये मत वाली चाल', कोई जाब तुम्हारा ह्रिदय','तेरी याद से दिल से', ऐसी बहारदार गाने प्रस्तुत किये।
बाद में गौरी शिंदे इन्होने 'गुमनाम है कोई', लग जा गेले,'हाय हाय ये मजबुरी', बाद में इशा रानडे इन्होने 'जब चली', नैना बरसे', शोख नजर कि' योगेंद्र रानडे इन्होने दूर रहकर न करो', भरी दुनिया मे', इसके बाद द्वंदगीत गाकर सभागृह संगीत हो गया था।कार्यक्रम का समारोप चारही गायोकोने ‘मेरे देश कि धरती’ गायकी को अक्षरशः सभागृह सर पर लिया गया एव सभागृह में बैठे सभी श्रोताओ ने तालियों की गूंज होने लगी।
इस कार्यक्रम की संकल्पना व आयोजन राजेश दुरुगकर इनकी थी। गीतोंकी पार्श्वभूमी ओर उनका सफ़र इसका रोचक निवेदन दीपा बुटी इन्होने किया। वाद्यवृन्दा की साथसंगत महेंद्र ढोले और उनके टीम ने किया। प्रकाश योजना की जिम्मेदारी मायकल संभाली।