भारत-रत्न वाजपेयी का ऋणी है समाज : कुकरेजा
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नागपुर। विदर्भ सिन्धी भाषा विकास परिषद की ओर से जरीपटका स्थित स्वामी चांदूराम मुक्तिधाम में सिन्धी भाषा मान्यता दिवस उत्साह के साथ मनाया गया. सर्वप्रथम इष्टदेव वरुणावतार भगवान झूलेलाल व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया.
मुख्य अतिथि भाजपा व्यापारी आघाड़ी के महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र कुकरेजा ने कहा कि इस सम्मान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एवं तत्कालीन सांसद भारत-रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने पहल की थी. सिन्धी समाज उनका ऋणी है. सिन्धी समाज की सभी दरबारों, पंचायतों और संस्थाओं की ओर से वीरेन्द्र कुकरेजा के जन्मदिन पर भव्य सत्कार किया गया.
समारोहाध्यक्ष महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रशासक डॉ. विंकी रुघवानी ने मातृभाषा की रक्षा को आवश्यक बताते हुए परिवार से इस अभियान को शुरू करने का आह्वान किया. परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष एवं भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय संरक्षक वरिष्ठ समाजसेवी दादा घनश्याम कुकरेजा ने बताया कि 10 अप्रैल 1967 के दिन सिन्धी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ था.
प्रमुख वक्ताओं लेखक किशोर लालवानी, प्रो. डॉ. सोनू जेसवानी व पूर्व नगरसेविका डॉ. प्रमिला मथरानी ने विचार रखे. साईं सन्मुखदास उदासी, डॉ. गुरुमुख ममतानी, राजेश बटवानी, सतीश आनंदानी, प्रा. विजय केवलरामानी, हितेश देवानी, विक्की दात्रे बतौर अतिथि आमंत्रित थे. संचालन सतपाल केवलरामानी व जगदीश वंजानी ने किया. आभार प्रदर्शन महासचिव पी. टी. दारा व संयोजिका शोभा भाग्या ने किया.