खेल से एकता की भावना आती है : वृषाली गोरले
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उभरते सितारे मे 'खेल- खेल में सीखें'
नागपुर। जीवन में खेल का बहुत महत्व है। खेल से एकता की भावना आती है। खेल से हमारी हेल्थ अच्छी रहती है। तथा कॉन्फिडेंस, स्टैमिना और हाइट बढ़ती है। राष्ट्रीय स्तर से आगे बढ़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार का बहुत योगदान मिलता है। इसीलिए जो भी आपकी इच्छा है जैसे स्पोर्ट्स में तो वही करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच अपने यह विचार वृषाली दिनकरराव गोरले ने रखा।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'खेल-खेल में सीखें' के अंतर्गत ज्ञानवर्धक, मनोरंजन और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाजी पदक विजेता एवं एसईसी रेलवे के कार्यालय अधीक्षक वृषाली गोरले उपस्थित थीं। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र तथा स्मृतिचिन्ह देकर किया।
सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए, प्रशांत शंभरकर ने खेल पर बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब कोई खिलाड़ी पदक विजेता बनता है। तब हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज जैसे जैसे ऊपर चढ़ता है वैसे-वैसे आंखों में आंसू आते हैं। और, देश के प्रति हमारा सम्मान और बढ़ जाता है।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखते हुए अपने गीतों और नृत्य से सबका मन जीत लिया। जिसमें, दोर्फी जनबंधु, अर्चिता लखोटे, राम बागल, प्रिशा नारनवारे, अवयुक्त भोजवानी, कोशिका बर्वे, हरेंद्र कडबे, जिनीषा भोजवानी और नम्रता भोजवानी ने शानदार गीत की प्रस्तुति दी।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ संगीता गोरले, दीपक भावे, पवन मेश्राम, आकाश भोजवानी, विद्या बबन नारनवरे, सविता बर्वे, अश्विनी अजय लखोटे, डॉ रोमन जनबंधु, प्रदीप भोजवानी, प्रिया पाटील, सरोज जनबंधु और प्रीति बागल आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। एवं उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।