वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की 'फिर छिड़ी रात बात फूलों की'
https://www.zeromilepress.com/2025/04/blog-post_8.html
नागपुर। वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की ओर से 'फिर छिड़ी रात बात फूलों की' शीर्षक के अंतर्गत हिंदी सिनेमा जगत के लोकप्रिय गीत - ग़ज़ल और प्रादेशिक संगीत को लेकर, मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में सुमधुर गीतों का नज़राना आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से सीआरपीएफ के कैलाश रेड्डी और वरिष्ठ गायक बाबा रेवतकर उपस्थित थे। सर्वप्रथम, कार्यक्रम की निर्देशिका वैशाली मदारे ने सभी कलाकारों का शाब्दिक स्वागत किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए राज चौधरी ने 'मोहे आई ना जग से लाज' गीत से शुरुआत की। तत्पश्चात, राजेंद्र चंद्रायन ने 'सौ बार जनम लेंगे', 'मेरे महबूब', श्याम उघाडे ने 'तेरे मेरे सपने', 'तुम अगर साथ देने का', यशवंत गायकवाड़ ने 'दीवाना हुआ बादल', 'दीवाना मुझ सा नहीं', रत्नेश सोमकुवर ने 'होठों से छू लो तुम', 'और इस दिल में', दिनेश कामतकर ने 'मैं एक राजा हूं', पर्वतों से आज मैं, डी विजय कुमार ने 'याद रहेगा प्यार का', 'तेरे होठों के दो फूल', विजय वानखडे ने 'ठहरे हुए पानी में', 'कितना प्यार तुम्हें करते हैं', कैलाश रेड्डी ने 'यहां मैं अजनबी हूं', 'मेरी आवाज सुनो', बाबा रेवतकर ने 'ये मेरा दीवानापन', 'कोई जब तुम्हारा', वन्समोर के युगल गीतों में वैशाली मदारे और राज चौधरी ने मिलकर 'देश में निकला होगा चांद','दिल ढूंढता है फिर वही' और शीर्षक गीत 'फिर छिड़ी रात बात फूलों की' प्रस्तुति से समां बांध दिया। 'दमा दम मस्त कलंदर' गाकर वैशाली मदारे ने सब को झूमने पर मजबूर कर दिया।
उपस्थित सभी दर्शको ने गीतों को वंसमोर के साथ बहुत सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन राज चौधरी ने किया। ध्वनि प्रक्षेपण प्रणाली और विनोद पांडे ने संभाला। कार्यक्रम की संकल्पना राज चौधरी की रही।