फर्जी खबरें फैलाने वालों पर लगाम लगनी चाहिए : न्यायमूर्ति विजय डागा
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महासागर कर्मवीर पुरस्कार से डांगरे, धारप, धुरट व प्रगती राजस्थानी महिला मंडल सम्मानित
नागपुर। पत्रकारिता में पारदर्शिता और स्वतंत्रता, जो लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, सरकारी नियंत्रण और निजी कंपनियों या व्यक्तियों के स्वामित्व के कारण खतरे में है। फर्जी खबरें फैलाने के लिए सोशल मीडिया जैसी तकनीकों के दुरुपयोग पर रोक लगाना आवश्यक है। यह बात महासागर कर्मयोगी पुरस्कार 2025 समारोह के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय डागा ने कही।
इस अवसर पर बोलते हुए न्यायमूर्ति डागा ने कहा कि मनुष्य की महत्वाकांक्षा उसका एक सपना है और दैनिक महाशर के प्रधान संपादक श्री कृष्ण चांडक ने अपने कार्यों के माध्यम से इस सपने को पूरा करने की शक्ति दिखाई है। यह अखबार आज अपनी 55वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह अहसास मुझे 1980 में हुआ जब मैं आर्थिक कठिनाइयों से गुजर रहा था और पार्टी सदस्य के रूप में मेरी मुलाकात श्री कृष्ण चांडक से हुई। पिछले 55 वर्षों में यहां कई पत्रकार पले-बढ़े हैं और कई पत्रकार मशहूर हुए हैं, इसलिए दैनिक महाशर पत्रकारों के लिए एक अनुभव विद्यालय है।
दैनिक महासागर की 55वीं वर्षगांठ के अवसर पर माहेश्वरी भवन में महासागर कर्मयोगी पुरस्कार 2025 समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि विद्वान न्यायमूर्ति विजय डागा, उद्योगपति प्रकाश वाघमारे, संयुक्त आयकर आयुक्त संजय अग्रवाल, एड. सुरेश ढोले, दैनिक महासागर के प्रधान संपादक श्रीकृष्ण चांडक, दैनिक महासागर के सीईओ उमाशंकर लाल, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रवीण डबली, प्रभाकर दुपारे, राहुल चांडक, पंकज चांडक, विशाल चांडक, कमल नामपल्लीवार उपस्थित थे।
इस अवसर पर चिकित्सा के क्षेत्र में महर्षि पद्मश्री डॉ. विलास डांगरे को महासागर कर्मयोगी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पत्रकारिता के क्षेत्र में यह पुरस्कार कमलाकर धारप को, धर्मार्थ संस्था के रूप में प्रगति राजस्थानी महिला मंडल को, तथा जमीनी स्तर पर विकास के लिए प्रयासरत डॉ. हरीश धूरट को विजय डागा और प्रकाश वाघमारे के हाथों प्रदान किया गया। पुरस्कार में 25,000 रुपये नकद, एक शॉल, एक प्रशस्ति पत्र, एक प्रमाण पत्र और एक पुस्तक शामिल थी। इस अवसर पर एक महासागर स्मरणिका का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर बालासाहेब ठाकरे, नरेंद्र मोदी, लता मंगेशकर और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महानुभावों को होम्योपैथिक उपचार से ठीक कर चुके पद्मश्री डॉ. विलास डांगरे ने कहा कि सत्य के सिद्धांत पर आधारित होम्योपैथिक उपचार आज भी उपेक्षित और उपहास का पात्र है। मेरा प्रयास है कि इस उपचार को जमीनी स्तर पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें सामाजिक कार्यों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़ाव के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने की प्रेरणा मिली है और वह ऐसा निरंतर करते रहेंगे।
मेहनतकश श्रमिकों और मथाडी श्रमिकों के देवता माने जाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हरीश धूरट ने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोग विकास प्रक्रिया के लिए अपने सिर का उपयोग करते हैं, जबकि कुली और रेलवे स्टेशन पर मेहनतकश कर्मचारी अपने पेट के लिए अपने सिर का उपयोग करते हैं। 50 किलोग्राम वजन वाला व्यक्ति 100 से 110 किलोग्राम वजन उठा सकता है। 1998 में सांगली के राष्ट्रपति ने एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत 50 किलोग्राम वजन वाले व्यक्ति को 50 किलोग्राम से कम वजन उठाने से रोका गया था, तथा 2011 में इसे लागू किये जाने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार कमलाकर धारप ने पत्रकारिता में अपने 50 साल के सफर को याद किया। सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक सहित सभी स्तरों पर सामाजिक प्रतिबद्धता का निर्माण करने वाली प्रगति राजस्थान महिला मंडल की अध्यक्ष सरला सोमानी ने महासागर समाचार पत्र के इस पुरस्कार के लिए हमें चुनकर हमारे उत्कृष्ट कार्य को स्वीकार किया है। उन्होंने इसके लिए अपना आभार व्यक्त किया।
श्री कृष्ण चांडक ने अपनी भूमिका में कहा है कि जो मेहनत करना चाहे उसे अखबार चलाना चाहिए और जो ईमानदारी से मेहनत करने को तैयार है, वही पत्रकार है, बाकी सब तो पत्र लेखक हैं। अपने 54 वर्षों के दौरान दैनिक महासागर को अनेक कठिनाइयों और ऋणग्रस्तता का सामना करना पड़ा। एक समय ऐसा आया जब मुझे घर के सारे सोने-चांदी के गहने बेचने पड़े, लेकिन मैं नहीं डिगा। देवेंद्र फडणवीस ने अखबारों के दाम उस समय की तुलना में ढाई गुना बढ़ाकर पत्रकारिता में स्वर्ण युग ला दिया। और आज जो अच्छे दिन हम देख रहे हैं उसका सारा श्रेय वर्तमान और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जाता है। कार्यक्रम का संचालन रेखा दंडिगे घिया ने किया तथा आभार डॉ. प्रवीण डबली ने माना।