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अर्चना साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था का होली मिलन संपन्न


होली के रंग कवियों के संग

नागपुर। अर्चना साहित्यिक- सांस्कृतिक संस्था के तत्वावधान में होली मिलन एवं काव्य गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं आयुर्वेदाचार्य डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय ने की जब कि प्रमुख अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राजेंद्र पटोरिया एवं विशिष्ट अतिथि प्रधान आयकर कार्यालय नागपुर के उपनिदेशक अनिल त्रिपाठी मंचासीन थे। 

माँ शारदा एवं स्व. डॉ. हरभजन सिंह हंसपाल के चित्र को माल्यार्पण एवं श्रीमती शशि भार्गव प्रज्ञा की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संस्था की ओर से मंचासीन अतिथियों का टीकाराम साहू आजाद, अतुल त्रिवेदी एवं सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने पुष्पगुच्छ तथा चंचल सिंह हंसपाल ने उपस्थित सभी कवि-कवित्रियों का गुलाल का टीका लगाकर पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। संस्थाध्यक्ष डॉ. शशिकांत शर्मा ने अपने प्रस्तावित में कार्यक्रम की रूपरेखा, संस्था की गतिविधियों, उद्देश्यों एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला।

तत्पश्चात डॉ. शशिकांत शर्मा के सूत्र संचालन में आयोजित सरस काव्यगोष्ठी में होली के गीत,व्यंग्य एवं बहुरंगी कविताओं को प्रस्तुत किया गया। काव्यपाठ करने वालों में सर्वश्री अतुल त्रिवेदी, कृष्ण कुमार भार्गव, कंचन प्रजापति, दीनानाथ शुक्ल, जयप्रकाश शर्मा, नरेंद्र सिंह परिहार, डॉ. भोला सरोवर, टीकाराम साहू आजाद, प्रकाश काशिव, चंचल सिंह हंसपाल, पारसनाथ शर्मा, सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. शशिकांत शर्मा, अनिल त्रिपाठी, डॉ. राजेंद्र पटोरिया, डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय, कवित्रियों में सर्व श्रीमती मीरा रायकवार, सुधा काशिव, शशि भार्गव, नीलम शुक्ला, डॉ. अमरजीत कौर, डॉ. हरविंदर कौर ने विविध  रंगों की कविताएँ सुनाकर आनंदमय वातावरण बना दिया।

अनिल त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में होली के सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. राजेंद्र पटोरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि नगर में कई साहित्यिक संस्थाओं का जन्म हुआ लेकिन कुछ दिन चलने के बाद सबने दम तोड़ दिया। अर्चना संस्था अपने ठोस कार्यों की वजह से आज भी सुविख्यात है और सुचारु रूप से अपने कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। यह अत्यंत खुशी एवं गर्व की बात है। डॉ. उपाध्याय जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में अर्चना संस्था को एक पारिवारिक संस्था बताया। सभी सदस्य सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ सदैव खड़े रहते हैं और तन मन धन से सहयोग करते हैं। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. शशिकांत शर्मा ने किया तथा कार्याध्यक्ष श्री अतुल त्रिवेदी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की सफलतार्थ कु. प्रतीक्षा शर्मा, चंचल डी. रॉय, सुनील ओमप्रकाश मिश्रा आदि ने अथक प्रयास किया।

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