कवि समाज को जीवनदृष्टि देने वाले कलाकार होते हैं - डॉ. कोमल ठाकरे
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रावसाहेब गं. म. ठवरे सभागृह में कवि सम्मेलन संपन्न
नागपुर। महानुभाव सेवा संघ और यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, जिला केंद्र नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में सर्वज्ञ श्रीचक्रधर स्वामी के प्रथम सूत्र दिवस और स्व. यशवंतराव चव्हाण की जयंती के अवसर पर होली की पूर्व संध्या पर रावसाहेब गं. म. ठवरे सभागृह, राजापेठ, नागपुर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कवि और उनकी भूमिका पर चर्चा करते हुए डॉ. कोमल ठाकरे (सचिव, यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, जिला केंद्र नागपुर) ने कहा कि कवि मानव मन की खेती करके मानवता का बीजारोपण करने वाले होते हैं। यदि भविष्य में समाज का सामाजिक और सांस्कृतिक पर्यावरण पूरी तरह बिगड़ गया, तो लोग कवि को दोष देंगे। यदि समाज में भ्रष्टाचार का महिमामंडन होने लगे, तो संवेदनशील कलाकारों से प्रश्न पूछे जाएंगे। इसलिए समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, राजनीतिक और प्राकृतिक पर्यावरण को समृद्ध, सशक्त और संपन्न बनाए रखने के लिए कवि को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और समाज को जागरूक बनाए रखना चाहिए। यह कवियों और कलाकारों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
दिल्ली में आयोजित मराठी साहित्य सम्मेलन में महानुभाव पंथ की आवाज बुलंद कर इस पंथ के मराठी साहित्य में योगदान को उजागर करने के लिए डॉ. कोमल ठाकरे को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष श्री राजाभाऊ टाकसाळे ने कवि और कलाकारों की गहरी भावनाओं के अभिव्यक्तिकरण की सच्चाई पर विचार व्यक्त किए। कवि सम्मेलन में महंत श्रीमुकुंदराज बाबा शास्त्री ने उद्घाटन भाषण में सर्वज्ञ श्रीचक्रधर स्वामी के कार्यों की कव्यात्मक प्रस्तुति के माध्यम से महानुभाव धर्म की समग्र भूमिका को स्पष्ट किया। उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से यशवंतराव चव्हाण के कार्यों को भी रेखांकित किया।
इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि डॉ. बळवंत भोयर ने की। उन्होंने अपनी बेहतरीन कविताओं के माध्यम से कविता की शक्ति और सौंदर्य को उद्घाटित किया।
इस सम्मेलन में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, नागपुर जिला केंद्र के कोषाध्यक्ष श्री रवी देशमुख, सदस्य श्री अनिल इंदाने, महंत श्रीखंदारकर बाबा, महंत श्रीविश्वनाथ बाबा और डॉ. राष्ट्रपाल मेश्राम विशेष रूप से उपस्थित थे।
कवि सम्मेलन में पांडुरंग भोसले, रमेश बेलगे, विजय वासाडे, हितेश गोमासे, राहुल गवस, निकेता गावंडे, शीतल बोधे, तलाश खोब्रागडे, जितेंद्र भोयर, तृषाल रामटेके, आनंदराव गजभिये और लक्ष्मण घरडे जैसे कवियों ने भाग लिया। उन्होंने सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक आदि विषयों पर अपनी कविताओं के माध्यम से विचार प्रकट किए और समाज की वर्तमान स्थिति का वर्णन किया।
इस कवि सम्मेलन का संचालन राजेश माहूरकर ने किया, प्रस्तावना प्रणव खंदारकर ने रखी, और आभार प्रदर्शन तृषाल रामटेके ने किया। कार्यक्रम का संपूर्ण विवरण श्री राजकुमार शेंडे ने प्रस्तुत किया, और इसे सफल बनाने में श्री चक्रपाणी कवीश्वर बाबा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।