दर्शणिय स्थल हमें बहुत कुछ सिखाते हैं : प्रो. डॉ. मंजूषा चौहान
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उभरते सितारे मे 'रंगोत्सव'
नागपुर। रंगों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। रंगों से भरी पूरी सृष्टि हमें प्रभावित और आनंदित करती है। प्रकृति का सानिध्य हो या हमारा खान-पान, इन सबमें अनूठे तरीके से रंग होते ही हैं। अनेक रंगों में फल, फूल, सब्जियां और वस्त्र हमारी आवश्यकता का एक भाग है। इसलिए, हमेशा जब भी समय मिले, किसी ना किसी दर्शनीय स्थल पर जाना ही चाहिए। अपने आसपास से लेकर अन्य राज्यों के दर्शणिय स्थल हमें बहुत सिखाते हैं। और उर्जा से भर देते हैं। बिना रंगों के जीवन की सुंदरता की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अतः थोड़ा थोड़ा पैसा बचाएं और जरूर घूमने जाएं। यह विचार प्रोफेसर डॉ मंजूषा चौहान ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखा।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'रंगोत्सव' के अंतर्गत ज्ञानवर्धक, मनोरंजनात्मक संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में रासतुम नागपुर यूनिवर्सिटी के ट्रेवल्स एंड टूरिज्म विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ.मंजूषा चौहान जी उपस्थित थीं। इनका सम्मान सहसंयोजिका वैशाली मदारे और संयोजक युवराज चौरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए, युवराज चौधरी ने रंगोत्सव पर खुशियों से भरी एकता का संदेश दिया। और केमिकल रंगों से बचने की सलाह दी। तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखते हुए अपने गीतों और नृत्य से सबका मन जीत लिया। जिसमें, संपूर्णा रेमंडल ने होली पर सबको एकता के रंग में रंगने वाली एक सुंदर कविता सुनाई। आर्या संदीप भोगाडे ने स्टैंड अप कॉमेडी से खूब हंसाया और एक संदेश भी दिया। अनुश्री टाले, गार्गी गायकवाड, भव्या अरोरा, पवन मेश्राम, राम बागल आदि ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी। खुशबू दुपारे, गार्गी गायकवाड, संपूर्णा रेमंडल और आर्या संदीप भोंगाडे ने अपने होली नृत्य से सबको मोह लिया।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ मुस्कान मोडक, सरिता लाकुडकर, चित्रलेखा नरेंद्र दुपारे, स्वाति गायकवाड, संदीप वानखेडे, वेदप्रकाश अरोरा. मोनिका रेमंडल, प्रीति अभिजीत बागल, दीपक भावे, आर सी महतो, सुनील नौकरकर आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। एवं, उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।