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विश्व कविता दिवस पर हिंदी महिला समिति का सफल रहा काव्य सम्मेलन


नागपुर/नई दिल्ली। यूनेस्को विश्व कविता दिवस 21 मार्च 2025को  राम- जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने 333 वां कार्यक्रम काव्यगोष्ठी हिंदी महिला समिति नागपुर के सहयोग से आयोजित की ।इसमें शांति और एकता की एक जीवंत वैश्विक किरण चमकी। हिंदी महिला समिति की अध्यक्षा रति चौबे सहित अन्य अधिकारियों ने काव्यपाठ किया।

श्रीमती रति चौबे ने सभी का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने अपनी कविताओं से समा बांधा। 'कविता तो युगों युगों से है- क्रोंच पक्षी के मधुर मिलन को मंत्रमुग्ध हो देख रहे थे रत्नाकर और दूसरी कविता 'चलो बसंत के साथ बसंती हो लें, बसंती तरन्नुम मौसम ने छेड़ा,ये पायल की रून-झुन, भौंरों की गुनगुन, चलो बसंत के संग बसंती हो लें'। 10 वीं क्लास में पढ़ने वाले इनके पोते उत्कर्ष चौबे की 15 वें जन्मदिन पर आरजेसियंस ने बधाईयां दी।

डा. चित्रा तूर की कविता 'जरा सी देर अनजाने में, और तुम्हारा यूं  रूठकर चले जाना, मुझसे दूर, बहुत दूर.. सुनाया'। वहीं रूबी दास ने कविता सुनाई मैं नारी हूं - 'मैं नारी हूं,हां ! मैं नारी हूं। नारी बनाम अबला, किसने इस नाम से हमें महिमा मंडित किया ? कहीं लांछन लगा , कहीं बदनाम किया? हां, मैं नारी हूं।'
भगवती पंत की कविता थी 'झोंका इक मादक समीर का, मस्त सुगंध फुहार छोड़कर, कान में कुछ गुनगुनाकर, दें गया मधु ऋतु की आहट'। 

इंग्लैंड के नाॅटिंघम स्थित 'काव्य रंग' की संस्थापक अध्यक्षा डा.जया वर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता ये कविताएं सुनाई। जहां मैं चली, हिन्दी चली, हिन्दी मेरे साथ-साथ चली। और क्यूं चाहूं, नया जन्म ?, क्यूं चाहूं मोक्ष ? अगला जन्म मैंने देखा नहीं, पूर्वजन्म मुझे याद नहीं। देख ली प्यार की दास्तां यहीं। डॉ. वर्मा ने 1971 में अपने आगमन के बाद से इंग्लैंड में हिंदी के उल्लेखनीय विकास पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य अतिथि जापान की डा. रमा शर्मा 'हिंदी की गूंज' की संस्थापक व संरक्षक ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। ऑस्ट्रेलिया से सुनीता शर्मा सहित विभिन्न राज्यों से इस कार्यक्रम में लोग जुड़े।

आरजेएस पीबीएच के राष्ट्रीय ऑब्जर्वर और विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च के सह- आयोजक दीप माथुर, शहीद दिवस 23 मार्च कार्यक्रम के सह- आयोजक सुरजीत सिंह दीदेवार और विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल कार्यक्रम के सह- आयोजक साधक ओमप्रकाश, 30 मार्च नवसंवत्सर पर रिलीज होने वाली न्यूज़ लेटर के अतिथि संपादक राजेंद्र सिंह कुशवाहा तथा अगस्त 2025 आयोजन समिति की सदस्या स्वीटी पॉल ने भी विचार व्यक्त किए। 

श्वेता कुमारी, सुषमा अग्रवाल, निशा चतुर्वेदी, मधुबाला श्रीवास्तव, मयंकराज, राजीव कुमार सिंह, अंजना कुशवाहा, तारकनाथ, सुदीप साहू,चंद्रकला भारतीय, कविता परिहार, निशा, आकांक्षा, रेखा तिवारी, हेमलता मिश्रा, डीपी कुशवाहा, सोनू कुमार और मंजू पंत आदि भी अपनी कविताओं के साथ काव्यपाठ में शामिल हुए रेखा पांडे तथा अन्य बडी संख्या में उपस्थित रहे और आरजेएस पाजीटिव मीडिया ने परम्परानुसार उत्कर्ष चौबे का भी जन्मदिवस मना कर शुभकामनायें सभी के साथ दी।
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