शून्य से शिखर का सफर तय करने वाला सिंधी समाज : निशा चावला
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नागपुर। मोटिवेशनल स्पीकर निशा चावला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सिंधी समाज के इष्टदेव झूलेलाल जी अर्थात वरुण देव जो जल और ज्योति के देवता है। जिनकी जयंती चेट्रीचंड्र व नए साल के रूप में मानते है। जिसे सब सिंधी भाई बहन बड़े धूमधाम से देश विदेश में हर्षोल्लास मनाते है।
सिंधी समाज विश्व के कोने कोने में रहने वाली समुदाय है। सिंधु नदी के तट पर सिंधी संस्कृति सभ्य और विकसित संस्कृति थी। विभाजन के बाद हम विश्व के कोने कोने में रहकर, अपने परिश्रम और बुद्धि के बल पर शून्य से शुरुवात करके आज एक समृद्ध समाज के रूप में उभर के आए।
आज देश के अर्थव्यस्था में हीं नही, बल्कि हर क्षेत्र में बिना आरक्षण की मांग किए सिंधी समाज उन्नत समाज के रूप में है। सिंधी समाज की पहचान उसके व्यंजन, पहनावा, बोली, परिश्रमी स्वभाव है। जिसका उल्लेख कई संत, नेता अपने शब्दो में करते है।
यह वही सिंधी समाज है जो अखंड भारत का अहम हिस्सा था। लेकिन विभाजन में उसका सिंध प्रांत छीन गया। सिंधी समाज अपनी दुकान, मकान राज पाठ सब छोड़कर छाड़कर सनातन धर्म के खातिर देश के कोने कोने में सिंधी कॉलोनी के रूप में सामने आए। और वापस एक नए दौर की शुरुवात की। जो कि आसान नहीं था। उन्हें शहर की सुनसान इलाकों में अपने ही देश में शरणार्थी बन के रहना पड़ा। पर हमारे साथ हमारे इष्ट देव का आशीर्वाद था। और हम वापस शून्य से शुरुवात करने के बाद आज संपन्न समाज के रूप में सामने आए।
सिंधी समाज व्यापारी वर्ग होने के कारण बेरोजगारी को दूर करता है, टैक्स देकर अर्थव्यस्था को मजबूत करता है, डॉक्टर, शिक्षक, चार्टेड एकाउंटेड, वकील, हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा से देश को उन्नत करता है। आओ नया वर्ष मनाए, सिंधी एकता बहुत जरूरी, आपस में मत रखना दूरी, सनातन धर्म पर चलो, समरसता में खुद को ढालो, आपस में सब मिलकर रहना, मनमुटाव में कभी न पड़ना।