वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की ओर से ‘मोहे पनघट पे..' सुनहरे नग़्में
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नागपुर। भारतीय सिनेमा जगत का सुनहरा दौर, आज भी लोगों के दिलों में एक मिश्री सी घोल देता है। इसी को ध्यान में रखते हुए फाल्गुन माह में वैशु'ज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की ओर से 'सुनहरे नग़्में' शीर्षक के अंतर्गत रोमांटिक गीतों को लेकर, मोर भवन के नटराज हॉल में सुमधुर गीतों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से सुपरिचित व्यवसायी एवं गायक अभिजीत बॅनर्जी और पूर्णिमा बॅनर्जी उपस्थिति रहीं। सर्वप्रथम, कार्यक्रम की निर्देशिका वैशाली मदारे ने सभी कलाकारों का शाब्दिक स्वागत किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए राज चौधरी ने 'ग़र तुम भुला ना दोगे' गीत से शुरुआत की। तत्पश्चात, शाम उघाडे ने 'पुकारता चला हूं मैं', 'शोधिशी मानवा', यशवंत गायकवाड़ ने 'छुपा लो यूं दिल में',' मेरे महबूब', वैशाली मदारे ने 'रहे ना रहे हम', अरुण कोचारे ने 'ओ मेरे दिल के चैन', मीनाक्षी केसरवानी ने 'दिल में तुझे बिठा के', संगीता रामटेके ने 'उनसे मिली नजर', 'सजना है मुझे', दिनेश कामतकर ने 'राज़ की बात कह दूं तो', 'आसमान से आया फरिश्ता', अभिजीत बनर्जी ने 'हम तेरे शहर में', और पूर्णिमा बनर्जी के साथ मिलकर 'कागज कलम दवात ला', 'जीता था जिसके लिए', डी विजय कुमार ने 'मिलते ही आंखें दिल हुआ', 'जीना यहां मरना यहां', नूतन सिंह छाड़ी ने 'चांद गगन से फूल चमन से', 'ऐ मेरे दिल',
विजय वानखडे ने 'आईना मुझसे मेरी', 'दिल कलम से', मीरा गायग्वाल ने 'चांदनी रात में', एवं विनोद शर्मा के साथ 'तुझे रब ने बनाया', युगल गीतों में राज चौधरी और वैशाली मदारे ने मिलकर 'तू जो मेरे सूर में', 'हुस्न पहाड़ों का' गाकर समां बांध दिया। उपस्थित सभी दर्शको ने गीतों को बहुत सराहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन राज चौधरी ने किया। ध्वनि प्रक्षेपण और स्ट्रीमिंग अर्पण पाटिल तथा विनोद पांडे ने संभाला। कार्यक्रम की संकल्पना राज चौधरी की रही।