संत गमाजी महाराज शिक्षण संस्था द्वारा माता- पिता के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम
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आप कहा गलती करते हैं, अगर माता-पिता को यह समझ में आ जाए, तो बच्चों को अच्छे संस्कार देना मुश्किल नही - काउंसलर मनीषा देशमुख
हिंगना/नागपुर। एक माता-पिता के रूप में हमारी जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है। माता-पिता को बच्चों को अनावश्यक छूट नहीं देनी चाहिए, न ही उन पर अत्यधिक नियंत्रण रखना चाहिए। यदि वे बच्चों को जरूरत से ज्यादा स्वतंत्रता देने या उनकी धमकियों के आगे झुकने से बचें और अपनी गलतियों को समझकर उनमें सुधार करें, तो वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे सकते हैं। इन्हीं विचारों को प्रसिद्ध काउंसलर मनीषा देशमुख ने हिंगणा स्थित श्री संत गमाजी महाराज शिक्षण संस्था द्वारा नेहरू विद्यालय के प्रांगण में आयोजित "बच्चों को संस्कारों की मिठास दें, माता-पिता की जोड़ी" इस काउंसलिंग कार्यक्रम में व्यक्त किया।
आगे बोलते हुए, देशमुख ने कहा कि माता-पिता को बच्चों के सामने आपसी झगड़ों से बचना चाहिए। घर में उत्पन्न समस्याओं पर चिंता करने के बजाय, उनके समाधान पर चर्चा करके उनका हल निकालना चाहिए। बच्चों को 'रील' और 'रियल' (वास्तविकता) का अंतर व्यवहार से समझाना चाहिए। इसके अलावा, माता-पिता को अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करने के बजाय, उनके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करनी चाहिए। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे सफलता की ओर बढ़ते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि माता-पिता स्वयं घर में पढ़ने की आदत डालें, तो बच्चे उनका अनुसरण करके पढ़ने की रुचि विकसित करेंगे। इस काउंसलिंग सत्र में, उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से माता-पिता को मार्गदर्शन दिया।
इस काउंसलिंग कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व मंत्री और संस्था के अध्यक्ष रमेशचंद्र बंग के करकमलों द्वारा हुआ। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि संस्था न केवल विद्यार्थियों की बौद्धिक प्रगति के लिए कार्य कर रही है, बल्कि माता-पिता की सामाजिक और मानसिक उन्नति के लिए भी प्रयासरत है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से एक अच्छे समाज की रचना होगी।
इस अवसर पर संस्था के कोषाध्यक्ष महेश बंग, उपाध्यक्ष अरुणा बंग, स्व. देवकीबाई बंग विद्यालय के प्राचार्य नीतिन तुपेकर, नेहरू विद्यालय के पर्यवेक्षक दिनकर लखमापुरे, मुख्याध्यापिका मंगला दुरबुळे, मुख्याध्यापक संदीप कैलुके, आदि गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से उपस्थित थे।
अरुणा बंग ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना महेश बंग ने रखी। संचालन आनंद महाले ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अरुणा बंग ने किया।
इस कार्यक्रम में संस्था के सैकड़ों माता-पिता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।