अच्छे स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक विचारों का होना भी आवश्यक है : डॉ. नितेश कांबले
https://www.zeromilepress.com/2025/02/blog-post_38.html?m=0
उभरते सितारे मे 'स्वास्थ्य और आप'
नागपुर। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर ही नहीं बल्कि मन के सकारात्मक विचारों का होना भी उतना ही आवश्यक है। स्वास्थ्य का अर्थ है, स्व माने शरीर और स्थ याने स्थिरता। सुबह से लेकर शाम तक, जो भी कार्य हम करते हैं, वह नियंत्रित करना ही स्थिरता कहलाता है। जैसे सुबह जल्दी उठकर टहलना, कुछ एक्सरसाइज करना, समय पर नाश्ता, समय पर खाना और अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखना यह स्थिरता है। इसका डेली रूटीन फिक्स करना और रात का खाना जल्दी खाने के बाद एक घंटा टहलने के बाद फिर सोना चाहिए। सभी ऋतुओं के हिसाब से भी खानपान अलग रहता है, जो स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। यह विचार डॉ. नितेश कांबले ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखा।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'स्वास्थ्य और आप' के अंतर्गत ज्ञानवर्धक, मनोरंजनात्मक संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में आयुर्वेद के एसोसिएट प्रोफेसर एवं रिडर डॉ. नितेश किशनराव कांबले उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।
सर्वप्रथम, कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने बच्चों को बताया की खुश रहना, मुस्कुराते रहना यह भी एक अच्छे स्वास्थ्य की औषधि है। तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार रखते हुए अपने गीतों से सबका मन जीत लिया। जिसमें, सौमित्र देशमुख, अवनी महालगावे, अक्षिता गुप्ता, अनुया आचार्य, अनिल कुमार गुप्ता और प्रीति शहारे ने बहुत ही सुंदर गीतों की प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ गोपाल शर्मा, प्रीति आचार्या, मीनाक्षी केसरवानी, खुशबू उत्तमप्रकाश शहारे, सुनीता प्रशांत देशमुख, ज्योति महालगावे, वंदना जनबंधु, कृष्णा कपूर, रूपकिशोर कनौजिया, गणेश सिंह ठाकुर आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।