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उम्मीदों का सूरज कभी अस्त नहीं होता : डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा


 डॉ. शशिकांत शर्मा की कृति 'उम्मीदों का सूरज' विमोचित 

नागपुर। अर्चना साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था एवं नागपुर जिला हिंदी अध्यापक मंडल के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ.शशिकांत शर्मा के ग़ज़ल संग्रह "उम्मीदों का सूरज"का स्वास्थ्य विश्वविद्यालय कराड के कुलपति डॉ.वेदप्रकाश मिश्रा के शुभहस्ते, सुप्रसिद्ध कवि एवं सिम्स के न्यूरो सर्जन डॉ. लोकेंद्र सिंह की अध्यक्षता, सुविख्यात आयुर्वेदाचार्य व साहित्यकार डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय एवं प्रधान आयकर कार्यालय नागपुर के उपनिदेशक श्री अनिल त्रिपाठी के प्रमुख आतिथ्य में पत्रकार क्लब सभागृह में लोकार्पण संपन्न हुआ।

मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ शारदा को माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन एवं सचिव श्रीमती शशि भार्गव 'प्रज्ञा' की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। संस्था की ओर से सर्वश्री जयराम दुबे, ओमप्रकाश शिव, नरेंद्र परिहार, कृष्ण कुमार द्विवेदी, तेजवीर सिंह ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया।

डॉ. गोविंदप्रसाद उपाध्याय ने अपने प्रस्ताविक वक्तव्य में संस्था की गतिविधियों, उद्देश्यों, भावी योजनाओं एवं कार्यक्रम की भूमिका का उल्लेख किया। कृति "उम्मीदों का सूरज"(ग़ज़ल संग्रह) के लोकार्पण के पश्चात रचनाकार डॉ. शशिकांत शर्मा का संस्था की ओर से मंचासीन अतिथियों द्वारा शॉल,श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर नगर के गणमान्यों में सर्वश्री डॉ. मधुकर वाघमारे, कृष्णकुमार भार्गव, रामबाबू शर्मा, चंचल हंसपाल, दीनानाथ शुक्ल आदि ने भी डॉ.शर्मा का भावभीना सत्कार किया। डॉ. शर्मा ने इस अवसर पर कृति के मुद्रक राजेंद्र बिडकर एवं संचालक सत्येंद्र प्रसाद सिंह का पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया। 

अनिल त्रिपाठी ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए इस कृति को आकर्षक पठनीय एवं संग्रहणीय सिद्ध किया। डॉ.वेदप्रकाश मिश्रा ने कहा कि सूरज प्रतिदिन निकलता है, शाम को ढलता है और भोर होने पर फिर उदित होता है, किंतु उम्मीदों का सूरज कभी अस्त नहीं होता। "उम्मीदों का सूरज" कृति इसी आशावाद का दस्तावेज है, जिसमें निराशा को कहीं कोई स्थान नहीं है। अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए डॉ. लोकेंद्र सिंह ने कहा कि डॉ.शशिकांत शर्मा एक ऐसे बहुआयामी साहित्यकार हैं, जिन्होंने उत्कृष्ट व्यंग्य, ललित निबंध, समीक्षा ग्रंथ, जीवन चरित्र, शैक्षणिक साहित्य,उपन्यास एवं गीत-ग़ज़ल संग्रहों की रचना की है। उनकी सभी कृतियों को पाठकों ने खूब सराहा है और यह कृति "उम्मीदों का सूरज" भी पाठकों के मन पर निश्चित ही अमिट छाप छोड़ेगी।  कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन श्री सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने किया जबकि श्री दीनानाथ शुक्ल ने आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम की सफलतार्थ डॉ. भोला सरवर, अजय पांडे, टीकाराम साहू 'आजाद', पारसनाथ शर्मा, रामनारायण मिश्र, अक्षय सदावर्ते, श्रीमती हरजीत कौर, पुरुषोत्तम पंचभाई आदि ने अथक प्रयास किया। कार्यक्रम में सर्वश्री संतोष कुमार दुबे, जयप्रकाश सूर्यवंशी, लक्ष्मीकांत तितरमारे, प्राचार्य डॉ. राजेंद्र मालोकर, अविनाश बागडे, आर. एम. मसंद, सुरेंद्र हरडे, खुशाल तिजारे, श्रीमती सुमन मसंद, मीरा रायकवार, माधुरी मिश्रा 'मधु', कुसुम शर्मा, सोनू सदावर्ते आदि अनेक गणमान्य नागरिक प्रमुखता से उपस्थित थे।
          
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