'एक शाम शहीदों के नाम' गीतांजलि है : प्रकाश शर्मा
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अभिनन्दन मंच में देशप्रेम के तराने गूँजे
नागपुर। शहीदों को कोटि-कोटि नमन करता हूँ। 'एक शाम शहीदों के नाम' ज्येष्ठ नागरिकों का यह श्रद्धा सुमन अवश्य ही शहीदों ने स्वीकार कर लिया होगा। देशभक्ति के यह जोशीले गीत मन में देश के प्रति समर्पण व जोश भर देते हैं।
कई लोगों ने गीतों की मनभावन प्रस्तुतियां दीं। जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता, बस शहीदों को पुष्पांजलि, आदरांजलि या ये कहूँ गीतांजलि है, उक्त विचार विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम अभिनंदन मंच ज्येष्ठ नागरिकों का सम्मान के अंतर्गत 'एक शाम शहीदों के नाम' कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि भाजपा के पूर्व वार्ड अध्यक्ष प्रकाश राधेश्याम शर्मा ने व्यक्त किये।
विशेष अतिथि पूर्व नगर सेविका ज्योति लाटा उपस्थित रहीं। शुरुआत मां सरस्वती के माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम का संचालन विनोद नायक ने किया.अतिथि स्वागत डॉ. कृष्णकुमार द्विवेदी ने किया। 32 ज्येष्ठ नागरिकों ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दीं।
सर्वप्रथम शंकर मेश्राम ने इंसाफ की डगर पर, डॉ. अरुण पांडे ने कर चले हम फिदा जानो तन साथियों, शांतनु दास ने ए मेरे प्यारे वतन, ओमप्रकाश कहाते ने प्यार बांटते चलो, प्रा रविशंकर कोलते ने जहां डाल-डाल पर, विनोद शर्मा ने तेरी मिट्टी में मिल जावा, संगीता घई ने देश रंगीला रंगीला, नीरज व्यास ने संदेशे आते हैं, भारती रावल ने मेरा रंग दे बसंती चोला, अमिताशाह ने लंदन देखा पेरिस देखा,
उषा गायकवाड़ ने मेरे देश की धरती, विजय पांडे ने दुल्हन चली पहन चली, शरद त्रिवेदी ने है प्रीत जहां की रीत सदा में गीत वहां के गाता हूं, नवीन त्रिवेदी ने देखो वीर जवानों, प्रतिभा तभाने ने सारे जहां से अच्छा, सुरेंद्र हरड़े ने छोड़कर की बातें, नंदिता सुदामल्ला ने दुल्हन चली पहन चली जैसे देशभक्ति गीतों से अभिनंदन मंच को गूँजायमान कर दिया।
अनिल कुमार गुप्ता ने देशप्रेम की वेशभूषा पहनकर लोगों को लुभाया। सुरेश त्रिवेदी, पूर्व सैनिक अनिल बालपांडे, ऊषा गायकवाड़, सुरेश धुंडे, हेममिश्र मानवी, रमेश मौंदेकर, अशोक रावल, विनायक चिंचोलकर, बलदेव जुनेजा की उपस्थिति रही. आभार डॉ कृष्ण कुमार द्विवेदी ने माना।