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प्रयागराज में आयोजित होगा ज्ञान महाकुंभ


नागपुर। महाकुंभ प्रयागराज के अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास,नई दिल्ली के तत्वावधान में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया गया है। शिक्षा और समाज से जुड़े अनेक महानुभावों के प्रयासों से शिक्षा बचाओ आंदोलन के रूप में २००४ में प्रारंभ कार्य २०१२ में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के रुप में आकार लेता है। 'देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलना होगा ' के संकल्प सूत्र के साथ प्रारंभ इस कार्य की राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० की परिकल्पना में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 

राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी के संयोजन में न्यास का कार्य विस्तार आज पूरे देश में फैला हुआ है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों तक में शैक्षिक वातावरण व पाठ्यक्रम निर्माण और उनके सुचारू संचालन में न्यास सतत् उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। २०१८ से शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने अखिल भारतीय स्तर पर ज्ञानोत्सव का आयोजन आरंभ किया। इस कड़ी में २०१८, २०१९ एवं २०२२ में ज्ञानोत्सव का आयोजन कुशलतापूर्वक किया गया है।

 इस वर्ष १४४ वर्षों के बाद प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ के अवसर पर ज्ञानोत्सव को ज्ञान महाकुंभ के रूप में आयोजित करने का संकल्प उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य संरक्षकत्व, छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के संरक्षकत्व और न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी जी के मार्गदर्शन में किया गया है। १० जनवरी से १० फरवरी तक न्यास द्वारा प्रयागराज के मेला क्षेत्र में विविध शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। शिक्षा, संस्कृति, पर्यावरण, महिला शिक्षा, आत्मनिर्भर भारत आदि को लेकर अनेक उपक्रम पूरे माह भर संयोजित किए जा रहे हैं। 

३१ जनवरी को 'हरित भारत' विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन, १ फरवरी को 'एक राष्ट्र , एक नाम : भारत' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी और ७,८,९ फरवरी को 'भारतीय शिक्षा: राष्ट्रीय संकल्पना ' विषयक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। इसमें देशभर से अनेक शिक्षाविदों, कुलपतियों, निदेशकों, आचार्यों और शोधार्थियों, विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है।

इस पावन पर्व की ऐतिहासिकता को ध्यान में रखते हुए न्यास ने ज्ञान महाकुंभ के उपलक्ष्य में राष्ट्र के चार स्थानों पर ज्ञान कुंभ का आयोजन किया। हरिद्वार, रांची, पांडिचेरी और कर्णावती (अहमदाबाद) में ज्ञान कुंभ सफलतापूर्वक संपन्न हुए। इसकी पूर्णाहुति प्रयागराज के महाकुंभ में ज्ञान महाकुंभ के रूप में हो रही है। इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा, शिक्षा से आत्मनिर्भरता, शैक्षिक संस्थानों की भूमिका, महिला सम्मेलन आदि का आयोजन किया गया है।

विदर्भ प्रांतीय इकाई से ज्ञान महाकुंभ में एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता भाग लेने जा रहे हैं। प्रांत संयोजक डॉ. मनोज पाण्डेय ने बताया कि विदर्भ प्रांत की प्रमुख शैक्षिक संस्थाओं को ज्ञान महाकुंभ में सहभागिता हेतु आमंत्रित किया गया है। 
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