चरित्र को कांच की दीवार नहीं आयरन गेट बनाओ : रूपिन्दर छतवाल
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सप्तरंग महिला चेतना मंच ने 'परिचर्चा', 'ओखाना प्रतियोगिता' एंव 'कैट वॉक' का सफल आयोजन किया
नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में सप्तरंग महिला चेतना मंच के पाक्षिक कार्यक्रम की श्रृंखला में नूतन वर्ष 2025 एवं मकर संक्रांति के उपलक्ष में एक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्रीमती रूपिन्दर छतवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सप्तरंग संयोजिका डॉ. स्वर्णिमा सिन्हा, सुजाता दूबे, रेशम मदान एंव शगुफ़्ता काजी मंच पर विराजमान थीं।
डॉ. स्वर्णिमा सिन्हा ने 'परिचर्चा' हिन्दी भाषा में 'ओखाना प्रतियोगिता' एंव 'कैट वॉक' को सन्दर्भित कर प्रस्तावना पेश की एंव मंच संचालन किया।हेमलाल मिश्र मानवी ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की एंव सीमा गुरनानी ने निर्णायक की भुमिका निभाई।
श्रीमती इन्दिरा किसलय, अलका देशपांडे, ऋतु आसई, भारती रावल, सुधा राठौर ने परिचर्चा में सहभागिता की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में सामाजिक परिप्रेक्ष्य में विवाहेत्तर संबंधो के पिछे संस्कारहीनता रेखांकित किया! चरित्र को कांच की दीवार नहीं आयरन गेट बनाओ का संदेश दिया।
सीमा गुरनानी ने कैट वॉक के नियम सखियों के सम्मुख रखा। कैटवॉक की सहभागी सखियां थी - सर्व श्रीमती ऋतु आसई, उमा हरगन,रश्मी मिश्रा, सुषमा भांगे, अर्चना चौरसिया, संतोष बूधराजा, लक्ष्मी वर्मा, निशा, विधि ग्वालानी, रेणुका जोशी, संजीता गुप्ता, भारती रावल, सुषमा शर्मा, गीता चावला, आरती पाटील, शिवानी सिंह, नीता वर्मा, किरण हटवार, मंदा बागडे, दीप्ती पाढिया, कृष्णा कपूर, अमिता शाह, प्रतिभा भोले, सरिता, शारदा प्रारांजपे। उखाने प्रतियोगिता में प्रथम रही सुधा राठौर द्वितीय रहीं उमा हरगन और तृतीय स्थान शोभित की माधुरी राउलकर। कैट वॉक में संतावना पुरस्कार रश्मि मिश्रा तृतीय पुरस्कार संतोष बुधराजा, द्वितीय अर्चना चौरसिया एंव प्रथम स्थान पर रहीं उमा हरगन (सप्तरंग संक्रान्ति क्वीन) सुजाता दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया।