पटकथा लेखन पर कार्यशाला का आयोजन
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नागपुर। राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में मंगलवार 14 जनवरी दोपहर 12:00 बजे एक दिवसीय कार्यशाला ‘पटकथा (स्क्रिप्ट राइटिंग)’ का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में उर्दू विभाग प्रमुख डॉ संतोष गिरहे ने साहित्य और सिनेमा के अंतर संबंधों को बताते हुए साहित्य की अनेक रचनाओं पर बनी फिल्मों के उदाहरण प्रस्तुत किए। साथ ही उन्होंने कथा, पटकथा और सिनेमा के आपसी तालमेल की आवश्यकत पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
विशेष अतिथि वक्ता बाबर शरीफ (साहित्यकार एवं सहायक प्राध्यापक शासकीय कला व अभिकल्प महाविद्यालय, नागपुर) ने स्क्रीन प्ले की विशेषताएं बताई। स्क्रीन प्ले और स्क्रिप्ट का महत्त्व समझाते हुए साहित्य की बढ़िया कथा को किस रूप में फिल्मों में पटकथा के रूप में प्रस्तुत किया इसको अनेक उदाहरण के द्वारा समझाया। साथ ही विज्ञापन और उसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में समझाया।
प्रमुख अतिथि ख्वाजा गुलामूस सैयदैन (साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त निर्देशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नागपुर) ने आकाशवाणी के विभिन्न कार्यक्रमों में क्रिप्ट के महत्त्व के विषय में जानकारी दी। प्रभावी पटकथा के लिए भाषा और संवादों का महत्व बताते हुए पटकथा की तकनीक पर बात की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. समीर कबीर ने किया। प्रथम सत्र के समापन पर गुलफिशा अंजुम ने आभार व्यक्त किया।
द्वितीय सत्र में विद्यार्थियों को पटकथा का अभ्यास कराया गया। विद्यार्थियों ने इस कार्यशाला से पटकथा के बारे में बहुत कुछ समझा और सीखा। इस कार्यशाला में उर्दू विभाग के प्राध्यापक डॉ. शाइस्ता तबस्सुम, डॉ. अस्मत कौसर, डॉ. सबीहा खुर्शीद, डॉ. सुमैया अफशा, डॉ.तरन्नुम नियाज, डॉ. महेर यासमीन और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।