मां-बाप अपनी इच्छाएं बच्चों पर न थोपे : निशांत सौदागर
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उभरते सितारे' में 'खुशियों का पर्व'
नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन संस्था की मैं प्रशंसा करता हूं, जो उभरते सितारे मंच द्वारा निस्वार्थ और बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे है। मैं इसकी सराहना करता हूं। और सभी मां-बाप से कहना चाहता हूं कि बच्चे बहुत चंचल स्वभाव के होते हैं। सभी बच्चे एक पोटेंशियल रखते हैं। इसीलिए अपनी इच्छा बच्चों पर न थोपे, उन्हें सहयोग करें। हर व्यक्ति की अपनी अलग आइडेंटिटी होती है।
इसीलिए, उनकी रुचि के अनुसार जैसे खेलों में, गाने में, डांस में उन्हें सहयोग और प्रोत्साहित करें। आजकल के बच्चों के हाथ में मोबाइल के कारण पूरी दुनिया है। ज्ञान उन्हें हर जगह आसानी से उपलब्ध है। उन्हें क्या बनना है, क्या करना है, यह बच्चे बड़े होते होते खुद ही रास्ता ढूंढ़ लेते हैं। इसीलिए बच्चों को सपोर्ट करिए। यह विचार निशांत सौदागर ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'खुशियों का पर्व' विषय पर ज्ञानवर्धक, मनोरंजनात्मक संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय पावर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंजीनियर श्री. निशांत सौदागर जी उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने खुशियों का पर्व को उदाहरणों के साथ विस्तार पूर्वक समझाया।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने डांस एवं गीत से सबका दिल जीता। जिसमें, श्री बागल, पवन मेश्राम, राम बागल और भव्या अरोरा ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी। खुशबू दुपारे के नृत्य ने सबको प्रभावित किया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ कृष्णा कपूर, मिनाक्षी केसरवानी, दिलीप ढोरे, दीपक भावे, निर्मला खुराना, वेदप्रकाश अरोरा आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।