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मकर संक्रांति फल


सजयति सिन्धुर वदनो देवोयत्पाद पंकजस्मरणम्, वासरमणिरिव तमसां राशिन्नाशयति विध्नानाम् ।।१।। समभिवन्द्य रविंशशिनंकुजं शशिसुतं सुरराजगुरूं भृगुम् । रविजमीशहरि कमलासनं मकर संक्रमणं प्रवदाम्यहम्।।२।। तिलस्नायी तिलोद्वर्ती तिलहोमी तिलोदकी, तिलभुक् तिलदाता च षट्तिलाः पापनाशकाः।।३।।

मकर संक्रांति इस वर्ष मंगलवार दिनांक १४.०१.२०२५ मकर संक्रांति का पुण्यकाल इसी दिन सूर्योदय से संपूर्ण दिन अर्थात् प्रातः ०७-२७ से सायं ०५-५० बजे तक रहेगा। (मकर संक्रांति के प्रवेश से पूरे वर्ष का शुभाशुभ फल जानने की परम्परा है। सन् 2025 में संक्रांति बाघ पर सवार होकर धोबी के घर में प्रवेश कर रही हैं।) वारनाम व नक्षत्रनाम महोदरी बनने से मासांतर्गत चोर, डाकुओं; तस्कर व धूर्त आदि असामाजिक तत्वों द्वारा आमजन को परेशान किया जाएगा। संक्रांति प्रवेश के समय बालव करण रहेगा। जिससे संक्रांति का वाहन बाघ तथा उपवाहन घोड़ा बनेगा। 

यह संक्रांति पूरब दिशा से आ रही है और पश्चिम दिशा की ओर जा रही है। वायव्य दिशा की ओर देख रही है। संक्रांति जिस दिशा से आती है उसे दिशा के लोगों को सुख मिलता है और जिस दिशा और जाती है उसे दिशा के लोगों को दुख व पीडा होती है। यह संक्रांति पौष महीने में होने से समाज में उत्साह के वातावरण रहेंगे कृष्ण पक्ष होने से चोर नास्तिक दुष्ट बुद्धि लोग को शौक के दायक है। संक्रांति का वाहन वाघ होने से विंध्य प्रदेश में लोगों को पीड़ा होगी। आदिवासी जाति के लोगों को यह संक्रांति सौभाग्य दायक है। उप वाहन घोड़ा होने से सभी घर-घर मंगल कार्य होंगे। 

सत्ताधारी राजकीय पक्ष राज्य वर्ग यह संक्रांति कल रहेगी। संक्रांति पीले रंग के वस्त्र परिधान किए हैं इस प्रकार हल्दी पीली वस्तुएं महंगी होगी तथा सुंदर स्त्रियों को यह संक्रांति त्रासदायक है। यह संक्रांति केसर का तिलक लगाए हुए हैं। इस प्रकार मथुरा में रहने वाले लोगों को तथा केसर बेचने वाले लोगों को पीड़ा दायक रहेगी। नदी किनारे रहने वाले राज्य में सत्ता बदल होगी। हाथ में गदा लेते हुए हैं तुर्किस्तान के राज्य में विजय होगा। मध्य प्रदेश बंगाल भाग में राजकीय अस्मिता संघर्ष में होगी। जगह-जगह युद्ध होंगे यह संक्रांति खीर भषण करते हुए हैं। दूध,चावल, घी, शक्कर, चना दाल, पीले वस्त्र,स्वर्ण,चांदी मोती महंगा होगा। 

मोती की पैदावार कम होंगे। बारिश मध्य गिरेगी। सर्पजाति की यह संक्रांति शरीर पर कुंकुम का लेप लगाकर, पीले रंग के वस्त्र एवं चमेली के पुष्प की माला धारण कर हाथ में गदा शस्त्र लेकर चांदी के बर्तन में खीर का भोजन करती हुई, बैठी हुई स्थिति में तथा कुमारी अवस्था में दिन के प्रथम भाग में प्रवेश कर रही हैं। जिससे यह मास राजनेताओं व प्रधान शासकों के लिए सावचेत रहने वाला रहेगा। साथ ही उपरोक्त सभी वाहन, अस्त्र-शस्त्र व वस्त्र से जुड़े व्यापार करने वालों के लिए चुनौती पूर्ण रहेगा। 

अशुभफलों में कमी लाने के लिए संक्रांति लगने के समय खड़े होकर सूर्यदेव को नमस्कार करना चाहिए। संक्रांति ४५ मुहूर्ती होने से धान्यादि में मंदी की चाल निकलेगी। यह संक्रांति जाति से सर्प होने से सांप डर नहीं रहेगा। और गारोड़ी लोगों को यह संक्रांति सौभाग्य दायक रहेंगे। यह संक्रांति कुमारी होने से कुमारी विद्यार्थी विद्यार्थी ने को पीड़ा योग्य रहेगी। वह बैठी अवस्था में है। बैठे काम करने वाले तथा दुकानदार लोगों को त्रासदायक रहेगी यह संक्रांति का नक्षत्र नाम मंदोदरी होने से समाज में चोरी लबाडी प्रमाण बढ़ेगा। महंगाई कम होगी. वायव्य दिशा में पढ़ने वाले राज्य के लोगों को त्रासदायक रहेगी।

इस वर्ष कुंभ का महापर्व प्रयागराज में है आप सभी कुंभ में स्नान आदि जाओ तो दीपदान अवश्य करें। आपको बता दें कि महाकुंभ में कुल ०६शाही स्नान होते हैं, जिसमें पहला स्नान पौष पूर्णिमा यानी १३ जनवरी को किया जाएगा। वहीं, दूसरा शाही स्नान १४जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा। इसके बाद २९जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन तीसरा और ०२ फरवरी को वसंत पंचमी के दिन चौथा शाही स्नान किया जाएगा।

इसके अलावा आखिर के दो शाही स्नान १२ फरवरी, माघ पूर्णिमा और २६ फरवरी महाशिवरात्रि के दिन आयोजित होंगे। कहते हैं कि शाही स्नान में भाग लेने से सभी पापों का नाश हो जाता है। साथ ही सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।संक्रांति पर्व काल में दान करने योग्य सामग्री -
नवें बर्तन, कासे के बर्तन, अन्न, वस्त्र,तिल,गुड़, गाय का चारा, ऊनी वस्त्र ,गर्म कपड़े, घी,भूमि, धान्य ,खिचड़ी, इस वर्ष पीली चिजोका दान अवश्य करे। तथा बच्चों को स्कूल साहित्य वितरण करे।

- पंडित करण गोपालजी पुरोहित (शर्मा)
   अमरावती, महाराष्ट्र
  9049451525. 8669165178
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