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जीवन में सफल होने के लिए परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है : श्रीराम मुंदडा


स्व. देवकीबाई बंग इंग्लिश मीडियम स्कूल में विदाई समारोह

हिंगणा। माता-पिता अपने बच्चों के खर्च का बोझ उठाकर अपना पूरा जीवन व्यतीत करते हैं। आज के समय में विद्यार्थियों को हर वह चीज मिलती है जो वे चाहते हैं, चाहे वह माता-पिता, स्कूल या समाज के माध्यम से हो। विद्यार्थियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे समाज से जो कुछ भी प्राप्त करते हैं, उसकी भरपाई अपने परिश्रम और सफलता के माध्यम से करें। जीवन में सफल होने के लिए परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। यह बातें एनआईटी के प्रबंधक श्रीराम मुंदडा ने स्व. देवकीबाई बंग इंग्लिश मीडियम स्कूल और जूनियर कॉलेज में कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के विदाई समारोह के दौरान कहीं।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रसिद्ध काउंसलर मनीषा देशमुख ने विद्यार्थियों को यह सिखाया कि उन्हें हर भाषा के सौंदर्य को समझना चाहिए और जीवन के हर संकट का सामना धैर्यपूर्वक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में निर्णय लेते समय शांतिपूर्वक विचार करें और उस पर दृढ़ता से टिके रहें। मानव व्यक्तित्व का विकास अचानक नहीं होता; यह संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करने के अनुभव से होता है। मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग चिंता का विषय है। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे आवश्यकता और लालच के बीच का अंतर समझें और तकनीक का केवल आवश्यकता के अनुसार उपयोग करें। विज्ञान और गणित के साथ-साथ भाषा का अध्ययन भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि विदाई समारोह किसी यात्रा का अंत नहीं है, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत है। इसलिए सभी विद्यार्थियों को नई ऊर्जा के साथ अपने अगले कदम की योजना बनानी चाहिए।

इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष रमेशचंद्र बंग ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे स्कूल और जिले का नाम रोशन करें। उपाध्यक्ष अरुणा बंग और कोषाध्यक्ष महेश बंग ने भी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग ने की। प्रमुख वक्ता के रूप में एनआईटी के प्रबंधक श्रीराम मुंदडा, मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध काउंसलर मनीषा देशमुख, और विशेष अतिथि के रूप में कोषाध्यक्ष महेश बंग, उपाध्यक्ष अरुणा बंग, व मुख्याध्यापक शशिकांत मोहिते उपस्थित थे।

इस अवसर पर कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों ने स्कूल की अपनी यादों को साझा किया। कक्षा 9वीं और 11वीं के विद्यार्थियों ने अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त किया।

कार्यक्रम की प्रस्तावना प्राचार्य नितीन तुपेकर ने की। संचालन तनिषा राठौड़ और प्रज्वल बंसोड़ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सहायक शिक्षिका श्वेता तुपेकर ने किया।

कार्यक्रम की सफलता में स्कूल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
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