‘उभरते सितारे' में 'एकता का महत्व'
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नागपुर। बच्चों में कोई भी प्रतिभा है तो, इस मंच पर आकर उसे निखारना चाहिए। जिससे, उनके अंदर हिम्मत और आत्मविश्वास बढ़ेगा। यहां उनकी कला को प्रोत्साहन के साथ संतोष भी मिलता है। अभी जो नयी शिक्षा निती आ रही है, उसमें पढ़ाई के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य को भी महत्व दिया गया है। इसलिए इस मंच की उपयोगिता और बढ़ जाती है। यह विचार विएमवी कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सरिता राजेश करंगुटकर ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखे।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'एकता का महत्व' विषय पर मनोरंजक, ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. सरीता राजेश करंगुटकर जी उपस्थित थी। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी एवं सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। शुरुआत में कार्यक्रम की प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने रखी। जिसमें उन्होंने छोटे छोटे उदाहरणों से एकता का महत्व समझाया। इस अवसर पर प्रशांत शंभरकर ने भी पारिवारिक एकता पर अपने विचार रखते हुए, पक्षियों के जाल का उदाहरण देकर विषय को विस्तृत रूप दिया।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस विषय पर अपने विचार, डांस एवं गीत से सबका दिल जीता। जिसमे, भव्या अरोरा ने एकता पर बेहतरीन कविता सुना कर सबको भाव विभोर कर दिया। आर्या संदीप भोंगाडे ने स्टैंडिंग कॉमेडी से सबको खूब हंसाया और एक संदेश भी दिया। गौरी उधाडे, श्री बागल, खुशबू दुपारे आदि ने शानदार डांस किया। राम बागल और भव्या अरोरा ने सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ वेदप्रकाश अरोरा, श्याम उधाडे, आर सी महतो, दीपक भावे, मिनाक्षी केसरवानी, सीमा लूहा, प्रीति अभिजीत बागल, प्रज्ञा वेंगुरलेकर, संदीप भोंगाडे, नरेंद्र दुपारे, बाबा खान आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।