'सौ साल पहले' रफी साहब को समर्पित शाम
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नागपुर। पद्मश्री मोहम्मद रफी साहब के 100 वे जन्मदिन पर वैशु'ज़ म्यूजिकल वर्ल्ड द्वारा 'सौ साल पहले' शीर्षक के अंतर्गत रफी साहब के गाए हुए अनमोल गीतों का नज़राना, मोरभवन के नटराज हॉल में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से सेवानिवृत्त महाप्रबंधक और वैज्ञानिक श्री मोहन जी प्रमुखता से उपस्थित थे। सर्वप्रथम, वैशुज़ म्युज़िकल वर्ल्ड की निर्देशिका वैशाली मदारे ने सभी कलाकारों और दर्शकों का शाब्दिक स्वागत किया। रफी साहब के सुनहरे नग्मों को शहर के सुपरिचित कलाकारों ने प्रस्तुत कर, बड़ी संख्या में दर्शकों की वाहवाही लूटी। जिसमें, दिनेश कामतकर ने 'आपके हसीन रुख पे, 'तू कहां ये बता', नूतन सिंह छाड़ी ने 'ऐसा न हो के', 'बरबाद मोहब्बत की दुआ', छाया लुटाडे ने 'ग़र तुम भुला ना दोगे, काकोली मलिक ने 'इस इश्क मोहब्बत की', पूर्णिमा दत्ता ने 'झिलमिल सितारों का', 'दीवाना हुआ बादल',
विजय वानखेडे ने 'तुम मुझे यूं', 'मुझे दर्दे दिल का', मून दत्ता ने 'क्या हुआ तेरा वादा', 'चुरा लिया है तुमने', संगीता रामटेके ने 'तुम्हारी नजर', 'मुझे इश्क है तुझी से', रत्नेश सोमकुंवर ने 'पुकारता चला हूं मैं', 'तुम बिन जाऊं कहां', सुब्रतो दत्ता ने 'अकेले-अकेले कहां जा रहे हो', राज चौधरी ने 'तुम जो मिल गए हो', वैशाली मदारे ने 'हम और तुम और ये समां' तथा युगल गीत 'आवाज देखे हमें तुम बुलाओ', 'तेरी बिंदिया रे', 'रात के हमसफर' और शीर्षक गीत 'सौ साल पहले' गाकर समां बांध दिया।
कार्यक्रम को बड़ी संख्यां में रसिक श्रोताओं द्वारा विशेष सचिन घूमडे, सागर रामटेके, जगदीश राउत, प्रशांत शंभरकर, शिल्पा तागडे, अपर्णा चौधरी आदि ने सराहा।
कार्यक्रम का प्रभावशाली कुशल संचालन एवं संकल्पना संगीतकार और गायक राज चौधरी का रहा। ध्वनि प्रक्षेपण और स्ट्रीमिंग एपीएस के विनोद अग्रवाल ने किया। बड़ी संख्या में उपस्थित सभी दर्शकों, अतिथियों और कलाकारों का आभार वैशाली मदारे ने व्यक्त किया।