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डॉ. चौगुले और धनश्री के गीतों ने मुकेशजी के गीतों को ताजा किया


नागपुर। संगीतमित्र, मुंबई और शशांक देशपांडे द्वारा आयोजित हिंदी गीतों का ‘जाने कहा गए वो दिन" यह कार्यक्रम सोमवार  को धूमधाम से प्रस्‍तुत किया गया। इस साल राज कपूर और मुकेश का जन्म शताब्दी वर्ष है, जिसके उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम की योजना बनाई गई थी। कार्यक्रम में राज कपूर की फिल्मों के कुछ गाने, मुकेश जी के गाने और लता, आशा के साथ मुकेश के कुछ युगल गीत शामिल किये गए थे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अमेरिका से विशेष रूप से आए गायक और कॅन्सर के विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश चौगुले (मुकेश की आवाज, अमेरिका) और मुंबई की सुप्रसिद्ध  गायिका एवं गौरव महाराष्ट्र का से इस कार्यक्रम की विजेता धनश्री देशपांडे इन्होने गीतों की प्रस्तुति देकर प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

लक्ष्मीनगर के साइंटिफिक हॉल में आयोजित गायिका धनश्री देशपांडे आणि डॉक्टर प्रकाश चौगुले ने बहुतही  सुमधूर गीते प्रस्तुत की .  कार्यक्रम की  शुरुआत डॉक्टर प्रकाश चौगुले  ने ‘होटोपे सच्चाई "यह गीत गाकर की इसके बाद ‘आवारा हूं", हर दिल जो प्यार", जिंदगी ख्वाब है", सजन रे झूट मत", जुबा पे दर्द", कही दूर जब", मैने तेरे लिये हि", गाने गाकर श्रोताओंको खुष कर दिया। इसके बाद गायिका धनश्री देशपांडे ने चले जाना जरा ठहरो", तुमने किसीसे कभी", "फूल तुम्हे भेजा’, ‘सुहाना सफर", साथ ही युगल गीत मे  गायिका धनश्री देशपांडे आणि डॉक्टर प्रकाश चौगुले  इन्होने ‘वो चांद खिला ",कभी कभी मेरे दिल मे", "मै पल दो पल’ ऐसी एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत करते हुए कार्यकम रंगत लाई। डॉक्टर प्रकाश चौगुले इन्होने ‘जिना यहा मरना यहा" इस गीत से कार्यक्रम का समापन किया। संगीत संयोजन महेंद्र ढोले का था तो कार्यक्रम का निवेदन सुप्रसिद्ध निवेदक शशांक कांबळे इन्होने किया।
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