किसी भी कार्य को श्रद्धा, निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ करे : ज्ञानप्रकाश वर्मा
https://www.zeromilepress.com/2024/12/blog-post_1.html
नागपुर। आराधना का शाब्दिक अर्थ ईश्वर की पूजा, इबादत, प्रार्थना होता है। लेकिन, गहराई में जाए तब इसका गुढ अर्थ समझ में आता है। जो किसी भी कार्य के प्रति श्रद्धा, निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ किया गया प्रयास होता है। जो हमें उन्नति और सफलता की ओर जाता है। यह विचार ज्ञानप्रकाश वर्मा ने बच्चों और उनके अभिभावकों को बताया।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'आराधना' थीम पर मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पूर्व प्राचार्य श्री ज्ञानप्रकाश वर्मा जी उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी एवं सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने रखी।
तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार, नृत्य एवं गीत से सबका दिल जीता। जिसमें, समन्वी श्रीकांत राऊत, प्रियांशी गणेश पिंपळे, पारुल लतेश्वर अंस्कर, सान्विता सुरेंद्र टिचकुले, देवांशी पटनायक, हिरण्या चरडे तथा,पर्व डांस एकेडमी से आरुष बिरादर, अयांश साल्वे, ज्ञानवी पारेकर, अंशिका अमित देशमुख, श्लोक वरखड़े आयुष बरडे, आदित्य माकोने, अद्वैत सोमेश, खुशबू दुपारे और सुशांत जयसवाल के डांस ने सबका मन मोह लिया।
देवांशी पटनायक, राम बागल, स्वरा रत्नपारखी, आरवी साळवे, आराध्या मोटघरे ने अपने गीतों से सबको प्रभावित किया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ रंजना माकोने, संध्या गावंडे, नाना मनोहर ठाकरे, प्रीति गणेश पिंपळे, डॉ. संदीप मदनकर, राशी साल्वे, दीपक भावे, देवस्मिता पटनायक, प्रीति बागल, सरीता लाकुडकर, प्रिती अल्फांसो, कविता बुरडे, अश्विनी टेकाडे, चित्रलेखा दुपारे, शैला वर्मा, वेदप्रकाश अरोरा, आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।