दूरदर्शिता हर बच्चों और पेरेंट्स में होना ही चाहिए : यश वर्मा
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'उभरते सितारे' में 'दूरदर्शिता'
नागपुर। तुलसी साहित्य की परीक्षा के दौरान मैं बचपन से ही मोर भवन से जुड़ा रहा। जीवन में कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए। अभी मैं ऑफिशियल इंटेलिजेंस का सर्टिफिकेट कोर्स कर रहा हूं, जिसमें ऑडिट से संबंधित टूल्स आते हैं। दूरदर्शिता हर बच्चों और पेरेंट्स में होना ही चाहिए। हमें ध्यान में रखना चाहिए की कैसे हमें अच्छी आदतें अपनानी है, जो हमें देश के लिए, समाज के लिए एक अच्छा नागरिक बनने में सहायक हो। छोटी-छोटी कहानी और उदाहरण के माध्यम से दूरदर्शितापूर्ण जीवन का महत्व सीए. यश वर्मा ने बच्चों और उनके अभिभावकों को समझाया।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'दूरदर्शिता' थीम पर मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सुपरिचित चार्टर्ड अकाउंटेंट यश वर्मा उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने रखी। इस अवसर पर प्रो. डॉ. शालिनी तेलरांधे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार एवं गीत से सबका दिल जीता। जिसमें, मृणाल तेलरांधे, भव्या अरोरा, राम बागल, धन्वी रत्नपारखी और त्रिशिका वाघमारे ने अपने गीतों से दिल जीत लिया। खुशबू दुपारे ने बहुत सुंदर नृत्य की प्रस्तुति दी।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ प्रो. डॉ. शालिनी तेलरांधे, दीपक भावे, प्रीति बागल, सरीता लाकुडकर, प्रिती अल्फांसो, वैशाली मदारे, रंजीता वाघमारे, डॉ. जीत सलूजा, वेदप्रकाश अरोरा आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।