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उभरते सितारे' में 'बाल दिवस'


नागपुर। करियर ओरिएंटेशन को छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से समझाते हुए अतिथि डॉक्टर किशोर मानकर जी ने बच्चों उनके अभिभावकों को बताया कि वर्तमान में करियर के लिए 350 से भी ज्यादा ऑप्शंस उपलब्ध है। जिसे सामान्य परीक्षा के द्वारा निर्धारित किया जाता है कि, किस क्षेत्र में उन्हें जाना चाहिए। यह सब काउंसलिंग प्लेटफार्म पर एनालिसिस किया जाता है। जो स्किल, एबिलिटी और नेचुरल हैबिट द्वारा निर्धारित होता है।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'बाल दिवस' थीम पर मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में इंजीनियर और करियर काउंसलर नंदकिशोर मानकर उपस्थित थे। इनका सम्मान, सहसंयोजिका वैशाली मदारे और संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। 

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रस्तावना संयोजक युवराज चौधरी ने रखी। जिसमें, उन्होंने बताया कि बच्चे रचनात्मक कल्पनाओं पर आधारित, उत्सुकता से भरा सरल और सहज जीवन जीते हैं। जिसमें एक आदर्श इंसान के गुण छिपे होते हैं।

तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार एवं गीत से सबका दिल जीता। जिसमें, मृणाल तेलरांधे, आदित्य बागल, खुशी आटे, राम बागल और जीनिशा भोजवानी के गीतों ने सबको बहुत प्रभावित किया। खुशी आटे ने बहुत ही सुंदर चित्रकारी का प्रदर्शन किया, जिसकी सभी ने प्रशंसा की।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ डॉक्टर करुणा आटे, प्रो. डॉ. शालिनी तेलरांधे, नम्रता आकाश भोजवानी, दीपक भावे, उज्वला कांबले, साक्षी फुलझेले, बाबा खान, प्रीति बागल आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन, सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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