उड़ान महिला चेतना मंच के अंतर्गत साहित्य सफ़र -8 का सफल रहा आयोजन
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नागपुर। विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम उड़ान महिला चेतना मंच के अंतर्गत कार्यक्रम साहित्य सफ़र -8 का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत बदलते समाज़ के विविध पहलुओं पर परिचर्चा रखी गयी।
सत्र १ में इन बिंदुओं पर सखियों ने परिचर्चा की - १) पुरूष हो या महिला रिश्तों के प्रति उनका दायित्व क्या होना चाहिए?, २)बढ़ते विवाह-विच्छेद को कैसे रोके?, ३)बढ़ते वृद्धाश्रम को कैसे रोके?, ४)बिखरते संयुक्त परिवार को कैसे रोके?
सत्र-२ में इसके विपरित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। १) महिलाओं के कानूनी अधिकार?, २) विवाह विच्छेद सराहनीय नहीं है पर उसकी आत्मशांति का भी सम्मान होना चाहिए।, ३) दूजा विवाह सौभाग्य नहीं है पर उसकी आत्मशांति का भी सम्मान होना चाहिए।, ४)एकल परिवार प्रशंसनीय नही है पर उसकी भी आत्मशांति का सम्मान होना चाहिए।
मुख्य अतिथि के तौर पर मार्गदर्शन प्रदान किया अधिवक्ता अर्पणा झा ने तथा मनोचिकित्सक शिवांगी सिंह ने। कार्यक्रम संयोजिका थी उड़ान संयोजिका पूनम हिंदुस्तानी। मंच संचालन रूबी दास ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के साहित्य मंत्री डॉ सागर खादीवाला ने। अतिथियों की परिचय प्रस्तुति दी संगीता पांडे तथा दीप्ति चाचरा ने। आभार दिया सदस्या शिवानी सिंह ने। हेमलता मिश्र मानवी, माधुरी राऊरकर, मीरा जोगलेकर, माधुरी मीश्रा मधु, डॉ निखत अली, सुमन अनेजा, अर्चना चौरसिया, मनीषा पखाले, संजीवनी चौधरी, माया शर्मा, छोबी चुकरबुत्ती, प्रतिभा भोले, प्राजक्ता वाड़ेकर आदि सदस्य सखियों ने अपने भाव सांझा किए।