रजनीगंधा म्युझिक अकादमी द्वारा आयोजित ‘सौ बार जनम लेंगे’ ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
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नागपुर। रजनीगंधा म्युझिक अकादमी द्वारा आयोजित ‘सौ बार जनम लेंगे’ इस कार्यक्रम में गायक कलाकारों ने सुप्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी के एकसे बढकर एक सुमधूर गीत प्रस्तुत किए. अपने मधुर आवाज से भारत ही नहीं, पुरे विश्व में प्रसिद्ध मोहम्मद रफी के गीतों का श्रोताओं ने आनंद लिया.
लक्ष्मीनगर स्थित सायंटिफिक सभागृह में गुरुवार को हुए इस कार्यक्रम के शुरू में सभी गायक कलाकारों ने एकत्रित ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ ये गीत प्रस्तुत किया. इसके बाद अश्फाक शेख ने ‘दिल का सुना साज’, ‘चाहूंगा मैं तुझे’, दीपक उलेमाले ने ‘बडे बेवफा है ये हुस्नवाले’, ‘कान में झुमका चाल में ठुमका’, विजय गायधने ने ‘ये माना मेरी जाँ मुहब्बत सजा है’, ‘ओ दुनिया के रखवाले’, राजेश नागपुरे ने ‘अॅन इव्हिनिंग इन पॅरीस’, गीता बावनकर ने ‘चले थे साथ मिलकर’,
गिरीश शर्मा ने ‘दर्दे दिल दर्दे जिगर’, नरेंद्र इंगळे ने ‘सौ बार जनम लेंगे’, पी. धर्माधिकारी ने ‘हमदम मेरे मान भी जाओ’, अरुण टेंभुर्णे ने ‘तुम मुझे यु भुला ना पाओगे’, उज्ज्वला सुरोशे ने ‘क्या हुआ तेरा वादा’, डॉ. रजनी हुडा ने ‘नजर न लग जाए, जितेंद्र पांडव ने ‘पत्थर के सनम’ आदी गीत प्रस्तुत करके श्रोताओं को रिझाया.
इसके साथ वादा कर ले साजना, कितना प्यारा वादा है, तुम्हारी हजर क्यों खफा हो गई, दिल तेरा दिवाना है सनम, काहे को बुलाया मुझे बालमा, अभी ना जाओ छोडकर, मुझे कितना प्यार है तुमसे, अजहू न आए बालमा, तेरे हुस्न की क्या तारीफ करू, सारे शहर में आपसा कोई नहीं, जानू मेरी जान मैं तेरे कुर्बान, वो है जरा खफा खफा, उडे जब जब जुल्फे तेरी, आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे, छुप गए सारे नजारे ये सदाबहार युगुल गीतं गायक कलाकारों ने प्रस्तुत करके श्रोताओं की दाद ली.
कार्यक्रम की संकल्पना रजनीगंधा म्युझिक अॅकॅडमी के डॉ. प्रशांत मातुरकर और परिणीता मातुरकर की थी. संगीत संयोजन महेंद्र ढोले का था. कार्यक्रम का मंच संचालन प्रितेश मातुरकर आणि सुशील तिवारी इन्होने किया। इस कार्यक्रम के लिए तृषाली मातुरकर का विशेष सहकार्य मिला.