एम्स नागपुर में विकासात्मक बाल चिकित्सा और महत्वपूर्ण देखभाल पर कार्यशाला संपन्न
https://www.zeromilepress.com/2024/10/blog-post_90.html
नागपुर। एम्स नागपुर में विकासात्मक बाल चिकित्सा और बाल चिकित्सा महत्वपूर्ण देखभाल के लिए बिमार बच्चे की सुश्रृषा के जगह पर अल्ट्रासाउंड (POCUS) परिक्षण पर कार्यशाला संपन्न हुई। एम्स नागपुर के बाल चिकित्सा विभाग ने बालरोग चिकित्सा अकादमी (IAP) के राज्य सम्मेलन,(MAHAPEDICON 2024) महापेडिकॉन - 2024 की पूर्व सम्मेलन कार्यशाला के एक भाग के रूप में दो कार्यशालाएँ आयोजित कीं।
IDDEA (विकासात्मक विकलांगताओं की पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप) कार्यशाला का समन्वय डॉ. उर्मिला डहाके,अतिरिक्त प्रोफेसर, बाल चिकित्सा द्वारा किया गया और POCUS (पॉइंट-ऑफ-केयर अल्ट्रासाउंड) कार्यशाला का समन्वय डॉ. अभिजीत चौधरी, एसोसिएट प्रोफेसर, बाल चिकित्सा द्वारा किया गया। दोनों कार्यशालाओं को 50 से अधिक पंजीकरणों के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। कार्यशालाओं के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि एम्स नागपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी. जोशी थे।
आईएपी के मुख्य संरक्षक डॉ. उदय बोधनकर, ठाणे से महाआईएपी के राज्य अध्यक्ष डॉ. रामगोपाल चेजारा और सोलापुर से आईएपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अतुल कुलकर्णी ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। डॉ. पी. पी. जोशी ने दिव्यांग बच्चों और गंभीर देखभाल उपचार की आवश्यकता वाले बच्चों से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए बाल रोग विभाग को बधाई दी। उन्होंने स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए गैर-आक्रामक, तीव्र और सटीक निदान उपकरण प्रदान करके बाल चिकित्सा देखभाल में क्रांति लाने में पीओसीयूएस के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. उदय बोधनकर ने स्वास्थ्य सेवा पेशेवर में कारण से प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करने में IDDEA मॉड्यूल के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे इस मूल आधार के साथ डिज़ाइन किया गया है कि "केवल निदान सेवा की ज़रूरतों या कार्यात्मक परिणाम की भविष्यवाणी नहीं करता है। यह इस सिद्धांत पर भी ज़ोर देता है कि सटीक संचार को सशक्त बनाना चाहिए न कि निराश करना चाहिए। डॉ. चेजारा और डॉ. अतुल कुलकर्णी ने एम्स नागपुर में दोनों कार्यशालाओं के लिए मिली ज़बरदस्त प्रतिक्रिया की सराहना की।