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शिव निर्भयता के प्रतीक हैं : डॉ संदीप तुन्डूरवार


लोहिया अध्ययन केंद्र की ओर से डॉ राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर व्याख्यान का आयोजन


नागपुर। महान समाजवादी चिंतक डॉ राममनोहर लोहिया ने कहा था शिव निर्भयता के प्रतीक हैं। यह बात गांधीवादी विचारक व बिंझानी बिंजानी सिटी महाविद्यालय के वाइस प्रिंसिपल डॉ. संदीप तुन्डूरवार ने कही।
लोहिया अध्ययन केंद्र की ओर से डॉ राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर 'डॉ राममनोहर लोहिया के शिव' विषय पर व्याख्यान का आयोजन केंद्र के मधु लिमये स्मृति सभागृह में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संजय सहस्त्रबुद्धे ने की।

डॉ. संदीप तुन्डूरवार ने कहा कि डॉ लोहिया की नजर में शिवजी एकात्मता के प्रतीक हैं। शिवजी अन्य देवताओं की तुलना में असीमित और अमर्यादित हैं। शिवजी की जटा से निकली गंगा ने लोगों को समृद्ध किया।

उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा से शिव को अलग नहीं कर सकते। शिव भारत के एकमात्र व्यक्ति है जिन्होंने लोगों के दिलों में स्थान बनाया। शिवजी ने पूरे भारत को एकसूत्र में बांधने का काम किया। सभी समाज की एकता पर जोर दिया। उन्होंने विविध प्रसंगों के माध्यम से बताया कि पूरे ब्रह्मांड में शिवजी का वास है।
वसंत डेकापुरवार ने कहा कि डॉ. लोहिया ने राम, कृष्ण और शिव की बात कही थी उनका पुन स्मरण हो आया। विजय पानधरे ने कहा कि शंकर जी को बूढ़ा देव भी कहते हैं। 
 
उन्होंने आदिवासियों को एकजुट किया। जैसे शिव निडरता के प्रतीक है वैसे ही आदिवासी भी निडर होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते हैं। धनंजय पोशट्टीवार ने शिव जी को सभी वर्ग के लोगों के पूजनीय बताते हुए कहा कि शिव जी ने सभी लोगों को एकजुट किया।
अध्यक्षीय वक्तव्य में संजय सहस्त्रबुद्धे ने डॉ लोहिया द्वारा शुरू किए गए गुप्त रेडियो की जानकारी दी। प्रास्ताविक व संचालन टीकाराम साहू 'आजाद' ने किया।
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