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लेखन कौशल से विद्यार्थी बनेंगे आत्मनिर्भर - प्रो. शामराव कोरेटी


नागपुर। लेखन कला में कौशल प्राप्त कर विद्यार्थी आत्मनिर्भर बन सकता है। यह दौर कौशल विकास का है। जीवन के हर क्षेत्र में लेखकीय कौशल की  आवश्यकता होती है। इससे विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास होता है। यह बात राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय के अधिष्ठाता प्रो. शामराव कोरेटी ने कही। वे हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'मीडिया लेखन कार्यशाला' के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भाषा के विद्यार्थियों के लिए लेखन कौशल अत्यावश्यक है।

विशिष्ट अतिथि विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान के विशेष कार्य अधिकारी एस.पी. सिंह ने कहा कि मीडिया समाज में सच को सामने लाता है। जन कल्याण और समाज हित के प्रश्नों को आलोकित करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि भाषा का अध्ययन करना, उसमें दक्षता प्राप्त करना विद्यार्थियों की पहली  प्राथमिकता होनी चाहिए। क्योंकि भाषा अनंत संभावनाओं का द्वार है। भाषा कौशल में दक्ष विद्यार्थी मीडिया, अनुवाद जैसे क्षेत्रों में सामग्री-निर्माण (कंटेंट राइटिंग)में अधिक सक्षम होते हैं। 

कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में  लोकमत दैनिक के मुख्य उप सम्पादक डॉ. योगेश पांडे ने प्रतिभागियों को समाचार लेखन कला पर मार्गदर्शन किया। दूसरे सत्र में  आयकर विभाग के राजभाषा उपनिदेशक अनिल त्रिपाठी ने पत्र-लेखन कला पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों और विभागों के 76 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का संयोजन, संचालन डॉ. लखेश्वर चंद्रवंशी ने तथा आभार प्रदर्शन डॉ. एकादशी जैतवार ने किया।
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