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हमारी सभ्यता और संस्कृति को संरक्षित करने की सशक्त माध्यम हैं किताबें : नरेश शाण्डिल्य


केशव कल्चर, दीप्ति शुक्ला की एकल संकलन पुस्तक  'करूणामयी श्री राधे' एवं साझा संकलन 'प्रेमावलंबन' का हुआ विमोचन 

डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी के कालजयी उपन्यास 'पिया बावरी' का पोस्टर एवं कवर पेज हुआ लांच 


नागपुर/महराजगंज। जनपद के घुघली विकास खंड के शिक्षक डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी को केशव कल्चर एवं रघुनाथ फाऊन्डेशन के तत्वावधान में 22 सितंबर 2024 को दिल्ली के सेंट्रल मार्केट, अशोक विहार में आयोजित पुस्तक विमोचन, कवि गोष्ठी में सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जय सिंह आर्य ने एवं मुख्य अतिथि के रूप में नरेश शांडिल्य, सदस्य, फिल्म सेंसर बोर्ड, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय नई दिल्ली की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के उपाध्यक्ष गोरखपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार शशिकांत शर्मा एवं मुंबई से पधारे विजय सिंह उपस्थित रहे। 

दीप प्रज्वलन के बाद वाणी वंदना  डॉ. ममता गाबा ने किया। उनके द्वारा कार्यक्रम मैं उपस्थित सभी आगंतुकों  का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर दीप्ति शुक्ला द्वारा लिखित कॉफी टेबल बुक 'करुणामई श्री राधे' एवं साझा संकलन 'प्रेमावलंबन' का विमोचन किया गया। डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी के कालजयी उपन्यास 'पिया बावरी' का पोस्टर ला़च किया गया। 

उपस्थित साहित्यकारों को स्मृति चिन्ह एवं अभिनंदन पत्र देकर संस्था ने सम्मानित किया। मुख्य अतिथि नरेश शांडिल्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किताबें हमारी सभ्यता और संस्कृति को संरक्षित करती हैं। उन्होंने अपने दोहों से सामाजिक जागृति का संदेश भी दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ जय सिंह आर्य ने काव्यात्मक अंदाज में सामाजिक सरोकारों एवं सांस्कृतिक चेतना से संबंधित रचनाओं से अपना संदेश दिया। मुंबई से पधारे विजय सिन्हा जी ने वर्तमान विसंगतियों पर तीखी अभिव्यंजना प्रस्तुत की। गोरखपुर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ धनंजय मणि त्रिपाठी ने अपनी रचना 'किसमतिया' को सुना कर ग्रामीण चेतना को जीवंत कर दिया। 

कविता के माध्यम से उन्होनें बताया कि भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है और गांव की स्त्रियां अपने संघर्षों के साथ सफलताओं की नई कहानी रच रहीं हैं। उन्होंने केशव पब्लिशर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकाशन की दुनिया में एक दिन केशव पब्लिशर्स विश्व स्तर पर जाना पहचाना जाएगा। वरिष्ठ साहित्यकार शशिकांत शर्मा ने बहुत ही गंभीर सांस्कृतिक चेतना को अपनी रचनाओं में अभिव्यक्ति दी। 

कवि गोष्ठी में नरेश बजाज, रवि गर्ग, ताराचंद नादान, श्रीमती सीमा रहस्यमई, क्षितिज नागपाल, आस्था जैन अर्चना, भावना भारद्वाज, नीता शर्मा, श्रीपाल शर्मा इदरीश पुरी, ममता मिश्रा से पधारे राजेश अरोड़ा, जौनपुर उत्तर प्रदेश से प्रवीन रंजन  इत्यादि रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया। 
सामाजिक कार्यों के लिए अमनदीप सिंह, बबिता लूथरा, गौरव शर्मा, डा. मनोज कुमार, मनप्रीत कौर एवं चित्रकारिता के माध्यम से  किये गये योगदान हेतु विनीता अरोड़ा  को सम्मानित किया गया l 

इस अवसर पर रघुनाथ फाउंडेशन के संस्थापक सुरेश खांडवेकर तथा पल्लवी ने रघुनाथ फाउंडेशन एवं दीप्ति शुक्ला, संस्थापिका केशव कल्चर के बारे में अपने दूरगामी योजनाओं को स्पष्ट किया। 
कार्यक्रम का संचालन उन्नाव से आए  वरिष्ठ साहित्यकार अनुज तिवारी एवं योग  शिक्षिका डा ममता गाबा ने किया। आभार सुरेश खांडवेकर ने व्यक्त किया।
समाचार 6855160048751090642
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