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भजनों से मानसिक तनाव दूर होता है : डॉ. प्रशांत सावरकर


नवरंग में भजनों ने किया मंत्र मुग्ध 

नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम नवरंग के अंतर्गत भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता एम्स नागपुर के सीनियर सर्जन डॉ प्रशांत सावरकर ने की। उन्होंने कहा कि भजन प्रतियोगिता का आयोजन अनोखा और मन को छू लेने वाला लगा। भजन हृदय को आनंदित करते हैं और इससे मस्तिष्क और स्वास्थ्य अच्छा होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ईश्वर से जुड़े रहने का यह सबसे अच्छा तरीका है। भजनों से मानसिक तनाव दूर होता है। आगे उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि-महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहना आज समय की मांग हो गई है। 


विशेष अतिथि जीरो माइल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आनंद शर्मा ने कहा कि- भजनों को सुनकर मैं भाव विभोर हूं। भारतीय संस्कृति और कला की यह अनमोल पहचान है। माता-बहनों की प्रस्तुति लाजवाब रही। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन इस अनूठे आयोजन के लिए बधाई का पात्र है। मां सरस्वती के मल्यार्पण व दीप प्रज्ज्लन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सरस्वती वंदना रजनी घंगारे ने प्रस्तुत की। 


कार्यक्रम की प्रस्तावना संयोजिका सुजाता दुबे ने रखी। संचालन विनोद नायक ने किया। निर्णायक की भूमिका हेमलता मिश्र मानवी, डॉ. कृष्णकुमार द्विवेदी और माया शर्मा ने निभाई। 18 भजन मंडलों ने प्रस्तुतियां दी। प्रथम पुरस्कार माऊली महिला भजन मंडल शांतिनगर, द्वितीय पुरस्कार मां शारदा भजन मंडल व तृतीय पुरस्कार गुरुदेव भजन मंडल को प्रदान किये गये। सांत्वना पुरस्कार ओम गजानन मंडल सहकारनगर, सुशीला भजन मंडल और नवदुर्गा मंडल दिघोरी  को प्रदान किया गया। 


सभी भजन मंडलों को ₹500 नगद राशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। पुरस्कार राशि डॉ अमोल धांडे के सहयोग से प्राप्त हुई। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु विजय तिवारी, बच्चू पांडे, सुभाष उपाध्याय, अशोक रावल, कविता रेवतकर, भारती रावल, रीता नायक, दीक्षा रेवतकर, माधुरी मिश्रा, छगन ढोबले ने सहयोग प्रदान किया। आभार संयोजिका माया शर्मा ने माना।

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