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यदि देश को समृद्ध बनाना है तो शिक्षक को स्वयं ज्ञान से समृद्ध होकर पढ़ाना होगा - रवीन्द्र काटोलकर


संत गमाजी महाराज शिक्षण संस्थान में शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन

हिंगणा। छात्रों को पढ़ाते समय शिक्षक को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए कक्षा में प्रवेश करते समय शिक्षक के चेहरे पर भाव समृद्ध और प्रसन्न होने चाहिए।  शिक्षकों को लक्ष्य एवं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए विशिष्ट शिक्षण विधियों का पालन करते हुए पढ़ाना चाहिए।  स्थानीय हिंगणा में संत गमाजी महाराज शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित शिक्षक कार्यशाला में बोलते हुए महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल, नागपुर के संयुक्त सचिव रवीन्द्र काटोलकर ने कहा कि यदि हमें देश को समृद्ध बनाना है तो सबसे पहले शिक्षकों को स्वयं अपने ज्ञान को समृद्ध करना चाहिए और पढ़ाना चाहिए। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान की उपाध्यक्ष अरुणा बंग और नेहरू विद्यालय के प्राचार्य शशिकांत मोहिते, स्व देवकीबाई बंग इंग्लिश मीडियम स्कूल और जूनियर कॉलेज के प्राचार्य नितिन तुपेकर, अनुदानित विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाती विद्यालय के प्राचार्य पुरूषोत्तम कटोले , स्व गोपीकिसन बंग विद्यालय की प्राचार्य सीमा जोशी, अनुदानित आदिवासी  आश्रम विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुप्रिया तुपेकर, स्व देवकीबाई बंग मराठी प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मंगला दुरबुडे, स्व देवकीबाई बंग अंग्रेजी विद्यालय कांहोलीबारा के प्रधानाध्यापक संदीप कैलुके , विमुक्त जाति एवं घुमंतू जनजाति आवासीय विद्यालय, मांडवा के प्राचार्य हेमराज शेंद्रे, स्व देवकीबाई बंग विद्यालय, देवली सावंगी की प्रधानाध्यापिका आफरीन एवं अन्य मुख्य रूप से उपस्थित थे। 

इस अवसर पर, नेहरू विद्यालय को 2023 में मुख्यमंत्री के सुंदर स्कूल के रूप में सम्मानित किया गया और 2024 में अनुदानित आदिवासी आश्रम स्कूल देवली पेंढारी को हिंगाना तालुका के स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को बधाई दी गई। 
कार्यक्रम का संचालन चन्द्रशेखर चौधरी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन शशिकान्त मोहिते ने किया।  कार्यक्रम की सफलता के लिए संत गमाजी महाराज शिक्षण संस्थान के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की।
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