शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच समझौता
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नागपुर। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली और देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य न्यास की विशेषज्ञता का राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रसार करना है। इससे भारतीय ज्ञान परंपरा की उपलब्धि वैदिक गणित को तकनीकी संस्थान में कौशल विकास का हिस्सा बनाने पर बल दिया जाएगा। ज्ञान- विज्ञान के अनेक क्षेत्रों में वैदिक गणित की उपयोगिता को देखते हुए तकनीकी संस्थान ने अपने पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने की पहल की है। भारतीय ज्ञान परंपरा के गणितीय सिद्धांतों से सहज और सरल रुप में तकनीकी विद्यार्थियों को अवगत कराना इसका एक उद्देश्य है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी एवं विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. प्रेमलाल पटेल की पहल पर यह समझौता संपन्न हुआ। न्यास की ओर से डॉ. उमेश भोनसुले और संस्थान की ओर से प्रो. विष्णु प्रताप सिंह समन्वयक बनाए गए हैं। इस समझौते से दोनों के बीच परिचर्चा, कार्यशाला, संगोष्ठी और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इस पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना के अनुरूप लागू किया जाएगा। इस अवसर पर न्यास की महाराष्ट्र प्रभारी शोभा ताई पैठणकर और विदर्भ प्रांत के संयोजक डॉ. मनोज पांडे तथा संस्थान के विभिन्न विभागों के डीन एवं विभाग प्रमुख उपस्थित थे।