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आम राय से बने समान नागरिक संहिता : ठाकुर



लोहिया अध्ययन केंद्र की ओर से व्याख्यान का आयोजन

नागपुर। ‘राष्ट्र एक, कानून एक’ के तहत समान नागरिक संहिता पर संवाद के बाद आम राय से कानून बनाया जाना चाहिए। राष्ट्रीय सोच के साथ कानून बनाए जाने पर देश की एकता भी कायम रहेगी और देश प्रगतिशील भी बनेगा। यह विचार गांधीवादी विचारक-समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने व्यक्त किए। लोहिया अध्ययन केंद्र की ओर से ‘समान नागरिक संहिता’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन केंद्र के मधु लिमये स्मृति सभागृह में किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता श्री ठाकुर बोल रहे थे। अध्यक्षता इलाहाबाद बैंक के पूर्व आंचलिक प्रबंधक एसएन बुटोलिया ने की। 

रघु ठाकुर ने कहा कि समान नागरिक संहिता को थोपने के बजाय देश को दिशा देने वाला बनाए जाने की जरूरत है। बनाने के लिए स्कूल, कॉलेज, पंचायत से लेकर हर स्तर पर चर्चा की जानी चाहिए। इस कानून के केंद्र में सभी मानव समान हो। समाजवादी चिंतक डा. राममनोहर लोहिया ने भी समान नागरिक कानून पर जोर दिया था, लेकिन तब और आज के माहौल में फर्क है। समान नागरिक कानून के संबंध में सरकार को दस्तावेज जारी करना चाहिए। इस संबंध में जितना महत्वपूर्ण बहुमत होगा उतना ही महत्वपूर्ण अल्पमत भी होगा। इसलिए सभी की राय का सम्मान करते हुए समान नागरिक कानून बनाए जाने की आवश्यकता है। 

संचालन टीकाराम साहू ‘आजाद’ तथा आभार प्रदर्शन डॉ अनूप कुमार सिंह, सहायक प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय लोधीखेड़ा ने किया। कार्यक्रम में डा. प्रेम जोगी, नरेंद्र परिहार, अजय पांडे, अनिल वासनिक, विजयकुमार श्रीवास्तव, रवि गुड़धे पाटील, डॉ. कृष्णकुमार द्विवेदी, पंकज व्यास आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।
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