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निर्मला पांडेय की बाल कथा संग्रह: ‘हाथी घोड़ा पालकी’ का विमोचन


नागपुर। वरिष्ठ साहित्यकार निर्मला पांडेय की बाल साहित्य पर प्रथम कृति का लोकार्पण विगत दिनों विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन परिसर में डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा, कुलपति डीम्ड यूनिवर्सिटी की अध्यक्षता, वरिष्ठ साहित्य चिंतक व लेखक डॉ. सागर खादीवाला के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष प्रियंका शक्ति ठाकुर विशिष्ठ अतिथि के रूप में मंचस्थ थीं। 

कार्यक्रम का संचालन और संयोजन जहां वरिष्ठ साहित्य सेवी, प्रकाशक अविनाश बागड़े ने किया वहीं मंचों के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार अनिल मालोकर ने अतिथियों का आभार माना। विजय पांडेय, सुनीता शुक्ला, प्रेमलता तिवारी, स्वर्णिमा सिन्हा ने अतिथियों का सत्कार किया। दीप प्रज्वलन के दौरान उमा हरगन ने सरस्वती वंदना का सरस पाठ किया। सभास्थल में पुस्तक के मुखपृष्ठ को ही रंगोली में उकेरने का रचनात्मक कार्य रश्मि मिश्रा ने किया।

मुख्य अतिथि डॉ. खादीवाला ने बाल साहित्य में ‘मछली जल की रानी है..’ जैसी सहज सरल पंक्तियों को एक मील का पत्थर निरूपित किया। अध्यक्षीय वक्तव्य में उन सभी कविताओं का जो प्राथमिक स्तर पर हमने आत्मसात की है का जिक्र करते हुए डॉ. वेदप्रकाश ने पुस्तक की सार्थक समीक्षा करते हुए बाल साहित्य की पांच कसौटियों पर ‘हाथी घोड़ा पालकी’ को एक सार्थक प्रयास बताया।विशिष्ठ अतिथि प्रियंका ठाकुर ने लेखन के इस क्षेत्र में निर्मला पांडेय को और अधिक लिखने की शुभकामनाएं दी।

हरतालिका जैसे निर्जला उपवास के त्यौहार के बावजूद बड़ी संख्या में महिला साहित्यकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अन्य लोगों के अलावा जो गणमान्य व्यक्ति समारोह को सफल बना गए उनमें.. कृष्ण नागपाल, इंदिरा किसलय, संतोष बादल, माधव बोबडे, हरीश गुप्ता, विजय पांडे, मधु सिंघी, हेमलता मिश्र ‘मानवी’, रविंद्र मिश्रा, मंजू मिश्रा, पूनम मिश्रा, प्रभा मेहता, पूनम हिंदुस्तानी, श्री खान, संतोष बुद्धराजा, सुजाता दुबे, रूबी दास, नीलम शुक्ला, कमलेश चौरसिया, माया शर्मा, सुषमा खरे, श्री खरे, पुष्पा पांडे, माधुरी राउलकर, ए ए वजीर, नंदा वजीर प्रमुख थे।
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