राधे राधे के जयघोषों से गुंजा मधुसुदन धाम
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राधाष्टमी पर महासंकीर्तन
नागपुर। श्री राधा कृष्णभक्त परिवार की ओर से खामला सिंधी कॉलोनी स्थित श्री मधुसूदन धाम में श्री राधाष्टमी का महोत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। सुबह 6 बजे मंगल आरती से धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। दोपहर 12 बजे पंचामृत से महाभिषेक हुआ। राधारानी की महिमा करते हुए दामोदर दास ने अपनी ओजस्वी वाणी में बताया कि राधारानी भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मध्याह्न काल में ब्रज के रावल गांव में उनका जन्म हुआ। यमुना नदी में एक कमल का फूल तैरता हुआ आया जिसमे एक कन्या सोई हुई थी जो राजा वृषभानु जी को प्राप्त हुई।
वह कन्या साधारण नहीं स्वयं राधारानी थी। उनका पुत्री रूप में लालन पालन किया। शाम को विशेष तौर पर बच्चो ने सुंदर नृत्य से राधा महिमा का गुणगान किया. मनोहारी झांकियां आकर्षण का केंद्रबिंदु रही. महासंकीर्तन में 'हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे' महामंत्र का जाप हुआ । अंत में अल्पाहार का वितरण हुआ और भक्तों ने राधे राधे की गूंज लगाई. रूपमाधुरी दीदी ने राधा नाम की माहिमा का बखान किया।