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पौधों की देखभाल बच्चों के जैसे करनी चाहिए : डॉ. शरयू देशमुख


'उभरते सितारे' में 'विज्ञान और जीवन'

नागपुर। जीवन के लिए हवा, पानी और सूरज की किरणें बहुत जरूरी है। पौधों की देखभाल बच्चों के जैसे करनी चाहिए। हमेशा नकारात्मकता  की जगह सकारात्मक होना जरूरी है। कोविड ने हमें जीवन जीना सिखा दिया है। जीवन में तीन नियम बनाना होगा। हमेशा पॉजिटिव रहें, स्नेहपूर्ण व्यवहार करें, क्रोध में प्रतिक्रिया न करें। यह विचार, डॉ. शरयू देशमुख ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें। तथा, पर्यावरण, मानवीय मूल्यों जैसे कई सकारात्मकता के भाव को उन्होंने बच्चों को समझाया।


विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'विज्ञान और जीवन' थीम पर ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शिवाजी साइंस कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शरयू श्याम देशमुख जी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।


कार्यक्रम की शुरुआत, प्रस्तावना के रूप में सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने विज्ञान और जीवन विषय पर छोटे-छोटे उदाहरण देकर विज्ञान की महत्ता को समझाया। तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार, कविता और गीत से सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, विशेष रूप से स्पृहा, स्वराली रंगारी और निवृत्ति रंगारी के मोहक नृत्य के साथ रिद्धिमा रंगारी के गीतों ने सबका मन जीत लिया।

प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ प्रेरणा पाटील, डिंपल वढा, अपर्णा चौधरी, सीमा लूहा, मोनिका रेमंडल, सुहास तिरपुडे, मिनाक्षी केसरवानी, वेदप्रकाश अरोरा, देवस्मिता पटनायक, निरजा शंभरकर, लक्ष्मी अंबादे, जावेद खान, शिल्पा तागड़े  आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।
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