सप्तरंग महिला चेतना मंच का ‘घर घर लक्ष्मी- पहचानो कौन’ विषय पर परिचर्चा संपन्न
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नागपुर। ‘घर घर लक्ष्मी- पहचानो कौन’ इस विषय पर विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान सप्तरंग महिला चेतना मंच के पाक्षिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में परिचर्चा का आयोजन किया गया।
मंच पर अतिथिद्वय के रूप में विराजमान थीं महाराष्ट्र हिन्दी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष प्रियंका ठाकुर एवं लेखिका -समरूपण संस्था की अध्यक्षा मधु सिंघी। सप्तरंग संयोजिका डॉ. स्वर्णिमा सिन्हा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
मंच पर विशेष वक्ताओं के रूप में सर्व श्रीमती इन्दिरा किसलय, माधुरी राऊलकर, हेमलता मानवी, सुजाता दुबे, सुषमा अग्रवाल, शगुफ़्ता काजी ने अपने बहुआयामी विचार व्यक्त किये। देवी लक्ष्मी की शास्त्रोक्त परिभाषा से लेकर समकाल तक होने वाले बदलाव रेखांकित किये।
डॉ. स्वर्णिमा ने श्रद्धा से श्रद्धांजलि तक के वैचारिक बिन्दु पेश किये। सप्तरंग सखियों में सर्व श्रीमती संतोष बुधराजा,रंजना श्रीवास्तव,भारती रावल,सुमन अनेजा, आदि ने अपने विचारों से सदन को गौरवान्वित किया।
द्वितीय सत्र में तीजारानी प्रतियोगिता के अन्तर्गत सखियों ने सोलह श्रृंगार कर मंच बपर कैटवाक किया।परिचय, नृत्य एवं प्रश्नोत्तर राउंड के साथ अपना जलवा बिखेरा।
प्रतिभागी सखियां थीं - श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, भारती रावल, अनीता गायकवाड, निशा चौरसिया, रजनी कौशिक, विशाखा खण्डेलवाल, अर्चना चौरसिया, निधि अवस्थी एंव निर्णायिका के रूप में श्रीमती रूबी दास, स्नेहल दाते एवं नीलम शुक्ला ने दायित्व निभाया।
प्रथम स्थान विशाखा खण्डेलवाल ने अर्जित किया।द्वितीय निशा चौरसिया एवं तृतीय स्थान पर रजनी कौशिक शोभित हुईं। निर्मला पांडे, ममता विश्वकर्मा, नंदा वजीर, अलका देशपांडे, नीता वर्मा, मयूरी यादव, पूनम पड़िया, अनीता गुप्ता आदि ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, सरस्वती वंदना को रश्मि मिश्रा ने स्वर दिया एवं उमा हरगन ने आभार माना।