आर. डी. बर्मन्स क्लासिक्स से श्रोता मंत्रमुग्ध
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नागपुर। म्युजिक अॅण्ड मी और सिंगिंग अॅकॅडमी प्रस्तुत ‘आर.डी. बर्मन्स क्लासिक्स’ इस पंचमदा की सदाबहार गीतों के कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध गायक कलाकारों ने आर. डी. बर्मन के मधुर गीत प्रस्तुत किए. बर्मन के मेलोडिअस गीत सुन के श्रोता मंत्रमुग्ध हुए. तालिया और वन्समोअर दे के उन्होंने कलाकारों का उत्साह बढाया.
लक्ष्मीनगर स्थित सायंटिफिक सभागार में हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत ‘गणनायकाय’ ये गीत प्रस्तुत करके हुई. उसके बाद म्युझिक अॅण्ड मी आणि सिंगिंग अकादमी की संचालिका 'शालिनी सिन्हा इन्होने 'हमे तुमसे प्यार कितना' यह गीत गाकर कार्यक्रम की सुरवात की बाद मे उज्ज्वला रामटेके ने ‘आज कल पाव’, ‘रिमझिम गिरे सावन’, विजया जीवनांद ने ‘बीती ना बिताए’, ‘ये लडका हाए अल्ला’, शोभना पिल्लेवान ने ‘बाहो में चले आओ’, ‘ओ मेरे सोना’, खुशबू बालसन ने ‘तेरे बिना जिया जाएना’, ‘आज की रात’, रितेश कुलसंगे ने ‘आनेवाला पल’, ‘हमने तुमको देखा’, शोएब खान यांनी ‘मैं शायर बदनाम’" तुमने मुझे देखा, सुहास मेंढे ने ‘जाने क्या बात’, ‘बेचारा दिल क्या करे’,
शाहिद खान ने ‘इक दिन बिक जाएगा’, राजकुमारी फाले ने ‘आजा पिया तोहे’, ‘रोज रोज आंखो तले’ कीर्ती पाटील ने ‘तुझसे नाराज नहीं’, ‘प्यार हुआ चुपके से’, ममता भागवत ने ‘आओ ना गले’, ‘दय्या ये मै कहा आ फसी’, इरफान खान ने ‘जाना ओ मेरी जाना’, ‘दुनिया मे लोगो मेरे साथ’ 'जाने जहा' शालिनी ने ‘जाने जाना’ आदी गीत प्रस्तुत किए. हमे तुमसे प्यार कितना, आजा मेरी जान, जीवन के हर मोड पर, यम्मा यम्मा, दुनिया में लोगों युगुल गीत प्रस्तुत किए.
कार्यक्रम का दिग्दर्शन, संकल्पना, मार्गदर्शन शालिनी सिन्हा का था. संचालन एम. ए. रझ्झाक ने किया. संगीत दिग्दर्शन अजित भालेराव और परिमल जोशी हा था. कार्यक्रम को सुमित्राम नेत्रालय, अनुष्का ऑप्टिकल, अल्फा होम ट्युटोरियल, स्प्रिंग व्हॅली नेचर पार्क इन्होने सहयोग दिया.