उभरते सितारे में 'किताबें मेरी नजर में'
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नागपुर। किसी भी लेखक, कवि, साहित्यकार के लिए शब्द सृजनता का उत्तम माध्यम है। किताबें सापेक्ष, सदृश्य और प्रमाण के आधार पर लिखी जाती है। किताबें आपके जीवन की सोच को बदल देती है। मराठी संत साहित्य का मेरे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा है। अपने जीवन में जितनी ज़रूरतें कम रखोगे, उतना प्रसन्न रहोगे। यह विचार डॉ महादेव वाघ जी ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखे। उन्होंने अपने स्कूली जीवन के बचपन की बातों का भी जिक्र किया की, किस तरह गणित और नागरिक शास्त्र की किताबों से अन्य बच्चों को भी आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिला। उन्होंने विस्तार से एटॉमिक एनर्जी के बारे में भी बातें की।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'किताबें एक नजर में' थीम पर ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप वैज्ञानिक, डॉक्टर महादेव सदाशिव वाघ जी उपस्थित थे। इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत, प्रस्तावना के रूप में संयोजक युवराज चौधरी ने 'किताबें एक नजर में' विषय पर विस्तृत जानकारी बच्चों को दी। तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार, गीत और मिमिक्री से सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, विशेष रूप से भव्या अरोरा और राम बागल के सुमधुर गीतों ने सबका मन जीत लिया। आर्या संदीप भोंगाडे ने अपने स्टैंडिंग कॉमेडी से सबको खूब हंसाया और अंत में एक मार्मिक संदेश भी दिया। हिरल वाघ और दर्श वाघ ने भी अपने विचार रखें।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को अभिभावकों के साथ-साथ दीपक भावे, मिनाक्षी केसरवानी, गोपाल कृष्ण शर्मा, सुचिता अंजनकर, वनिता वाघ, प्रीति बागल, आशा वेदप्रकाश अरोरा आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।