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रफी के गीतों पर आधारित स्पर्धा हो - सतीजा

                         


नागपुर। विश्वविख्यात पार्श्वगायक पद्मश्री मोहम्मद रफी सदाबहार गायक रहे हैं और उनके जाने के 44 वर्षों बाद भी उनके गाये गीतों की लोकप्रियता कायम है। वे अपने गीतों के साथ अमर हैं। उनके गाये गीतों पर आधारित गीत गायन स्पर्धा का आयोजन हर वर्ष होना चाहिए। इस आशय के विचार कलामंच के संस्थापक समाजसेवी नरेंद्र सतीजा ने व्यक्त किए। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय के पास स्थित सुनील कुमार संगीत अकादमी में रफी साहब के श्रध्दांजलि कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा रफी साहब तो विश्वरत्न हैं और श्रोताओं का प्यार ही सबसे बड़ा सम्मान है। 

कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथि मनोहर संगीत विद्यालय की संगीत शिक्षिका श्रीमती विशाखा पाध्ये उपस्थित थीं। आरंभ में कार्यक्रम संयोजक और अकादमी के संचालक  गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड  गायक सुनील वाघमारे ने विशेष मोहम्मद रफी बैच लगाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि वे निश्चित रूप से रफी साहब के गीतों पर आधारित स्पर्धा का आयोजन करेंगे। आरंभ में रफी साहब के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और श्रध्दांजलि दी गई। कार्यक्रम में गायक मोहम्मद मुनाफ, मिलिंद मून, उमेश रायकवार, रंजन गुप्ता, मोहम्मद कच्छी, सविता मोहोले, मोइन कच्छी आदि की उपस्थिति रही।
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