Loading...

कान्हा एक बार फिर तुम आना


कृष्ण एक बार फिर जन्म लेना तुम
जग को अपना सरल रूप दिखलाना 
ओ कान्हा बांसुरी से अपनी फिर तुम
प्रेम की वही मीठी सी धुन बजाना

कर्म का पाठ सिखाने सबको तुम
धरा पर उतर कर फिर से आना
भूला जग रिश्ते नाते नेह दुलार
नि:श्छल प्यार करना सिखलाना

पाखण्ड के शोर में भाव कहीं गुम है
भक्ति के असल मायने समझाना
अन्याय से मुक्ति के साथ न्याय मिले
कन्हैया जीवन का असली मर्म बताना

ज़माने में हो रहा कितना कुछ गलत
मुरलीधर लीला तुम्हारी फिर दिखलाना
सच्चाई अच्छाई का राज हो जग में
दुनिया को तुम आकर फिर दिखलाना..
कान्हा एक बार फिर तुम आना..

- रीमा दीवान चड्ढा
   नागपुर, महाराष्ट्र
काव्य 8968219505409481728
मुख्यपृष्ठ item

ADS

Popular Posts

Random Posts

3/random/post-list

Flickr Photo

3/Sports/post-list