शरीर के विभिन्न अंगों के दान पर सेमिनार संपन्न
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नागपुर। हाल ही में शहर में शरीर के विभिन्न अंगों के दान विषय का 13 वां सत्र एक सेमिनार के रूप में संपन्न हुआ। जिसमें चिकित्सा क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत करते हुए अंगदान और देहदान के महत्व को समझाया। डॉ सतीश कदम ने नागपुर लिवरपूल यू.के और यू .एस .ए .के डॉक्टर के साथ मिलकर देहदान और अंगदान पर जागरूकता के मध्य नजर यह सेमिनार आयोजित किया।
मेलघाट में आदिवासियों की नि: स्वार्थ सेवा करने वाले प्रसिद्ध चिकित्सक पद्मश्री डॉ रविंद्र कोलहे विशेष अतिथि वक्ता के रूप में इस अवसर पर उपस्थित थे। नेत्रदान पर बोलते हुए डॉक्टर निकिता व्यवहारे ने बताया कि कैसे एक नेत्रदाता कॉर्निया की विशिष्ट परतों के प्रत्यारोपण के कारण 4 से 5 अंधे व्यक्तियों को दृष्टि दे सकता है। प्रसिद्ध समाज सुधारक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंजली भंडारकर ने अंगदान की अपील करते हुए कहा कि क्योंकि लीवर और अग्न्यासाय मे जबरदस्त पुनर्जनन की क्षमता होती है इसलिए इसे एक स्वस्थ व्यक्ति द्वारा जरूरतमंद व्यक्ति को दान किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि नागरिक जो अपने अंगों का दान करते हैं और मस्तिष्क मृत्यु के चरण में प्रवेश करते हैं वह पूरे हृदय, हृदय वाल्व, गुर्दे, फेफड़े, हाथ, हड्डियां, रक्त वाहिकाएं यहां तक की हाथ की 20 उंगलियां भी दान कर सकते हैं। प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने इस अवसर पर अंगदान का संदेश देते हुए कहा कि भारतीय नागरिकों को अंगदान की जरूरत को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि हजारों मरीज कतार में इंतजार कर रहे हैं। डॉ दीप्ति डोंगाओकर हड्डियों और जोड़ों की अच्छी देखभाल कैसे करें यह समझाया। डॉ अमित चोरघाड़े ने बच्चों के लिए लेवल 2 पेरेंटिंग की जरूरत पर जोर दिया, जबकि डॉक्टर राधा भंडारकर ने रक्तदान के महत्व को समझाते हुए कार्यक्रम का समापन किया।