उभरते सितारे में 'देश भक्ति गीत'
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नागपुर। मां भारती को नमन करते हुए ब्रिगेडियर सुनील नारायण गावपांडे जी ने बच्चों और उनके अभिभावकों को बताया कि भारत एक बहुत महान राष्ट्र रहा है। लेकिन किसी कारणवश आपसी झगड़े की वजह से समय पर बिखराव नजर आया है। 13वीं शताब्दी तक ब्रह्मदेश की सीमा से लेकर अफगानिस्तान तक भारत पूरा हिंदू कुश अखंड भारत रहा है। भारत ने अपने आप कभी किसी भी देश के ऊपर पहले अटैक नहीं किया है। यह अपने आप में एक अनुपम उदाहरण है। जब तक हम पर आक्रमण नहीं किया गया, तब तक भारत ने किसी के साथ युद्ध नहीं किया। उदाहरण 1962 का चीन का युद्ध, 1965 लोगोंवाल सेक्टर पाकिस्तान के साथ, 1971 पाकिस्तान के साथ, इसी तरह 1999 में कारगिल युद्ध, जो एक संघर्ष था फिर उसका रूपांतर युद्ध में हुआ। जो हमने 26 जुलाई 1999 को कारगिल में विजय प्राप्त की। हमें आपस में कभी भी रिलिजियस फायदा लेकर अपनों से उलझना ठीक नहीं है। मैंने स्वयं कारगिल युद्ध में भाग लिया था। हमें अपने इतिहास को जानना जरूरी है। इस तरह अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तार से उन्होंने किस्से सुनाएं।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए समर्पित लोकप्रिय उपक्रम 'उभरते सितारे'। जिसके अंतर्गत 'देश भक्ति गीत' थीम पर आजादी के तराने, ज्ञानवर्धक, संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में भारतीय सेना से सेवानिवृत ब्रिगेडियर सुनील नारायण गावपांडे जी उपस्थित थे। इनका सम्मान, संयोजक युवराज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर विशेष रूप से भारतीय सेवा से सेवानिवृत सूबेदार वसंत पथे जी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत, प्रस्तावना के रूप में संयोजक युवराज चौधरी ने 'देश भक्ति गीत' विषय पर विस्तृत जानकारी बच्चों को दी। तत्पश्चात, बच्चों ने भी इस थीम पर अपने विचार, देशभक्ति गीत और नृत्य से सबको मंत्रमुग्ध किया। जिसमें, सुमधुर गीतों की श्रृंखला मे हर्षाली हरणे, अलिशा खोबरागड़े, श्रेया हरणे, अंश मखीजा, त्रिशिका वाघमारे, जान्हवी तामगडे, जिनिशा भोजवानी, तन्वी यादव, कोयल गेहानी, राम बागल और भव्या अरोरा के गीत ने सबका मन जीत लिया। आरुष बिरादार, भूमि यादव और संपूर्ण रेमडल ने सुंदर नृत्य की प्रस्तुति से मन मोह लिया।
प्रतिभाशाली बच्चों की प्रस्तुतियों को कृष्णा कपूर, सीमा लूहा, आशा वेदप्रकाश अरोरा, राहुल गुप्ता, दिलीप भावे, मोनिका रेमंडल, मीनाक्षी केसरवानी, प्रीति अभिजीत बागल, रश्मि यादव, शैला वर्मा, नम्रता भोजवानी, सुनीता हरणे, लीला पवार, पूजा मखीजा, हेमा गेहानी आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। तथा, उपस्थित सभी दर्शकों, अभिभावकों और कलाकारों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने व्यक्त किया।