डॉक्टर स्वदेश लौटकर देश सेवा करें : पदश्री डॉ. मेश्राम
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'बाहो’ का वार्षिक समारोह संपन्न
नागपुर। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (बाहो) ने अपना पहला वार्षिक दिवस" समाज को वापस लौटाओ" के आदर्श वाक्य का पालन करते हुए 20 वर्ष के इतिहास में पहली बार मनाया। वरिष्ठ न्यूरोसर्जन पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि बाहो संगठन के प्रथम संस्थापक डॉ.एम.एस. पिंपलगांवकर, डॉ प्रदीप आगलावे विशेष रूप से उपस्थित थे । कार्यक्रम की अध्यक्षता मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ.राज गजभिए ने की, संगठन की अध्यक्ष डॉ. त्रिशला ढेमरे ने स्वागत भाषण दिया। डॉ.शंकर खोबरागड़े (मेसोथेलियोमा) और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.नेहा शेंडे की दिलचस्प वैज्ञानिक नैदानिक केस की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
डॉ. राज गजभिये ने (बाहो) द्वारा अंगदान पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने को कहा, क्योंकि आपूर्ति और मांग में बहुत बड़ा अंतर है लेकिन मन में मौजूद मिथक रिश्तेदारों को आगे आने से गाहे बगाहे रोकता है, उन्होंने अंगदान करने की अपील की। मुंबई से आए डॉ.एस.बी कुलकर्णी ने " कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल प्रौद्योगिकी" पर चर्चा की, इस अवसर पर डॉ. प्रदीप आगलावे ने आषाढ़ी पूर्णिमा के महत्वपर बात करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध ने सबसे पहले इसी दिन अपना ज्ञान फैलाया था, इसलिए इसे गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। अध्यक्ष पद से बोलते हुए डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने विदेश में पढ़ने वाले छात्रों पर दुख जताया, जो वापस लौटकर मातृभूमि की सेवा नहीं करना चाहते। उन्होंने डॉ.देवी शेट्टी कार्डियोथोरेसिक सर्जन को उद्वित करते हुए कहा कि यदि सभी विद्वान सुपर स्पेशलाइजेशन लोग बाहर चले जाएंगे, तो जो लोग पीछे रह जाएंगे वह औसत दर्जे के होंगे और समाज के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो जाएगी।
इस अवसर पर संघ की पहली निर्देशिका का विवेचन हुआ और 10 वीं और 12 वीं के मेधावी छात्रों को अतिथियों ने सम्मानित किया। चिकित्सा बिरादरी के सफल व्यक्तियों में डॉ.मिलिंद माने, डॉ.राजीव मेंढे, डॉ.कविता गजरे, डॉ. सुशांत मेश्राम, डॉ. संगीता गेडाम, डॉ.प्रेमानंद निखाड़े डॉ.स्मृति रामटेके, डॉ. अर्चना जंभुलकर और डॉ. प्रदीप पंजारे को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। पारिवारिक माहौल में गीत और संगीत का आयोजन किया गया था जिसमें संगठन के सदस्यों ने बढ़-कर कर हिस्सा लिया और एक से एक भीम गीत और बुद्ध गीत की प्रस्तुति की। डॉ.हर्षानंद पोपलवार, डॉ.श्रद्धा वाशिमकर, डॉ. मनीष धनपलवार, डॉ. बॉबी सलामे आदि उपस्थित थे । धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रफुल्ल साखरे ने किया।