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एकॉर्ड एविएशन प्रा. लि. तैयार करेगा ‘रिमोट पायलट’


नागरिक विमानन महानिदेशक ने दी मंजूरी

मध्य भारत का पहला प्रशिक्षण केंद्र

नागपुर। नागरिक विमानन महानिदेशक (डीजीसीए) ने नागपुर स्थित एकॉर्ड एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को मध्य भारत के लिए पहली बार रिमोट पायलट ट्रेनिंग संगठन (आरपीटीओ) यानी ड्रोन पायलट फ्लाइंग ट्रेनिंग अकादमी के लिए प्राधिकरण प्रदान किया है। यह एक ऐसा संगठन है जिसे कैप्टन गुरजीत कौर, एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और कमर्शियल पायलट लाइसेंस धारक और कैप्टन अंगद सिंह जो पेशे से पायलट हैं, द्वारा बढ़ावा दिया जाता है। यह ड्रोन फ्लाइंग ट्रेनिंग अकादमी नागपुर के बैरामजी टाऊन में स्थित है।

पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक  पूर्ण करने पर प्रशिक्षु को "ड्रोन पायलट" का लाइसेंस प्रदान किया जाएगा जो दुनिया भर में मान्य होगा। पाठ्यक्रम में डीजीसीए के मानदंडों के अनुसार लिखित परीक्षा के बाद सिद्धांत भाग शामिल होगा। सिद्धांत पेपर को सफलतापूर्वक पास करने पर, प्रशिक्षु को सिम्युलेटर प्रशिक्षण और उसके बाद ड्रोन उड़ान प्रशिक्षण से गुजरना होगा। ड्रोन उड़ान कौशल परीक्षण में सफल प्रदर्शन करने के बाद प्रशिक्षु को ड्रोन पायलट लाइसेंस प्रदान किया जाएगा।

ड्रोन एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसका उपयोग कई क्षेत्रों में किया जा रहा है। ड्रोन पायलटों के पास कृषि, रक्षा, वन, खनन, रेलवे, राजमार्ग, ऊर्जा/बिजली, निर्माण कार्य  के साथ ही रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचे का निरीक्षण, पर्यावरण निगरानी, ​​खोज, बचाव, फिल्म निर्माण और फोटोग्राफी, सार्वजनिक सुरक्षा और कानून प्रवर्तन, डिलीवरी, रसद, मनोरंजन आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता या रोजगार की संभावना है। प्रौद्योगिकी की उन्नति के कारण ड्रोन पायलटों के लिए नए रास्ते नियमित रूप से खुल रहे हैं। ड्रोन विकास की क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में 2024 में ड्रोन अर्थव्यवस्था 8000 करोड़ होने का अनुमान है और अनुमानित वृद्धि 2033 तक 32000 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है।
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