रिमझिम सावन
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प्रेम प्रलाप जग में फूटा
रिमझिम रिमझिम बारिश मे
प्रेमी युगल का तन मन भीगा ।
सावन में देखो चारों ओर
प्यार ही प्यार बरस रहा
प्रकृति का हरियाली से मिलन
जातक पक्षी का पानी से मिलन।
सावन की बूँदों में जादू है छाया
हर ओर हरियाली के गीत
पशु , पक्षी, मानव ने गाया
कितनी सुंदर है प्रकृति की माया।
सावन में भगवान झूल रहे झूला
हर ओर देखो मस्ती है छाई
कोई प्यार में कोई भक्ति में
बारिश में भीग रहा मन को भीगो रहा
हरियाली के पर्व पर
बारिश की पहली बूँद
तन - मन को सुकुन दे जाती है
साल भर के ग़मों पर मुस्कुराहट दे जाती है ।
- मेघा अग्रवाल
नागपुर महाराष्ट्र